लखनऊ I राजधानी लखनऊ में शनिवार को संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI) का 41वां स्थापना दिवस समारोह धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उनके साथ डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और स्वास्थ्य राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह भी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर संस्थान की अहमियत को बताया और कहा कि संजय गांधी पीजीआई देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य के मानक को स्थापित करता है। कोरोना महामारी के दौरान 36 जिलों में आईसीयू की कमी थी, लेकिन संस्थान के निदेशक के सुझाव पर टेली आईसीयू की शुरुआत की गई, जिससे हजारों लोगों की जान बचाई जा सकी।
सीएम ने डॉक्टरों को संबोधित करते हुए एक दार्शनिक की कहानी भी सुनाई और कहा, “जीत की तैयारी इतनी शालीनता से करो कि आपकी सफलता शोर मचा दे।” वहीं, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने युवाओं से जीवनशैली सुधारने की अपील की।
समारोह के दौरान विशाखापट्टनम के गीतम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च की प्रो. वाइस चांसलर डॉ. गीतांजलि बैटमैन बाने ने मुख्य भाषण दिया। संस्थान में शोध दिवस के मौके पर अच्छे पेपर प्रस्तुत करने वाले 19 शिक्षकों और 24 विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री ने डॉक्टरों से अपील की कि वे ब्रेन डेड व्यक्तियों के परिवारों को अंगदान के लिए जागरूक करें। उन्होंने कहा, “अगर ब्रेन डेड व्यक्ति का अंगदान हो जाए तो एक से अधिक जरूरतमंदों को जीवन मिल सकता है।” इसके साथ ही उन्होंने कहा कि डॉक्टरों को इस सामाजिक जिम्मेदारी को निभाना चाहिए, ताकि अधिक से अधिक लोग अंगदान के महत्व को समझें।