गोंडा: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Yadav) ने रविवार को गोंडा में एक कार्यक्रम के दौरान केंद्र सरकार को कई मुद्दों पर आड़े हाथों लिया। उन्होंने पाक अधिकृत कश्मीर (POK) को लेकर भाजपा पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि अब समय आ गया है जब भारत को पीओके पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए निर्णायक कदम उठाना चाहिए।
शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) ने कहा, “भाजपा ने चुनावों में वादा किया था कि वह पीओके को भारत का हिस्सा बनाएगी, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। केवल भाषणों और नारों से देश नहीं चलता।”
आतंकी हमलों पर उठाए सवाल- Shivpal Yadav
उन्होंने कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले का जिक्र करते हुए सरकार की तैयारियों पर सवाल उठाया। “सुरक्षा एजेंसियों के तमाम दावों के बावजूद आतंकवादी देश में कैसे घुस आए? खुफिया तंत्र आखिर था कहां? सरकार को इस पर जवाब देना चाहिए,” उन्होंने कहा।
यादव ने यह भी दोहराया कि समाजवादी पार्टी हर बार आतंकवाद के खिलाफ राष्ट्र के साथ खड़ी रही है और आगे भी रहेगी। लेकिन सिर्फ समर्थन ही काफी नहीं, ज़मीन पर ठोस एक्शन ज़रूरी है।
करणी सेना को बताया ‘आतंकी मानसिकता वाला संगठन’
कार्यक्रम के दौरान शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) ने करणी सेना को “आतंकी सोच वाला संगठन” करार दिया। उन्होंने राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन को मिली जान से मारने की धमकी का हवाला देते हुए कहा, “अगर कोई संगठन खुलेआम एक सांसद को जान से मारने की धमकी देता है, तो उसकी मानसिकता पर सवाल उठना लाज़मी है।” उन्होंने भाजपा सरकार पर ऐसे संगठनों को संरक्षण देने का आरोप भी लगाया।

धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला बताया
बहराइच की प्रसिद्ध दरगाह मेले पर प्रतिबंध और मदरसों को निशाना बनाने की कार्रवाई पर भी यादव ने सरकार की आलोचना की। उन्होंने इसे “धार्मिक स्वतंत्रता पर सीधा हमला” बताया।
“500 साल पुरानी परंपराओं को रोकना न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि यह धार्मिक भेदभाव को बढ़ावा देने वाला फैसला है। भाजपा केवल दिखावे के लिए धर्म की बात करती है, जबकि उसका असली मकसद समाज को बांटना है,” उन्होंने कहा।
बृजभूषण सिंह के बयान पर तंज
भाजपा के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह द्वारा दिए गए बयान—‘सरकार में विधायकों की कोई औकात नहीं’—पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवपाल यादव ने कहा, “जब खुद सत्तारूढ़ दल के नेता लोकतंत्र को कमजोर बताएं, तो यह स्पष्ट संकेत है कि मौजूदा सरकार जनप्रतिनिधियों की गरिमा को खत्म कर रही है।”
शिवपाल यादव का यह बयान राजनीतिक हलकों में हलचल मचा रहा है और आगामी चुनावी माहौल में इसे विपक्ष द्वारा हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।