कानपुर I पान मसाला शुद्ध प्लस के मालिक सुनील खेमका के बेटे आयुष खेमका को शुक्रवार को कानपुर की अतिरिक्त जिला जज योगेश कुमार की अदालत ने रेप के आरोप से बरी कर दिया। कोर्ट ने कहा कि अभियुक्त पर आरोप साबित करने के लिए आवश्यक साक्ष्य मौजूद नहीं हैं और इस कारण उसे संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया गया।
मामला 2019 में एक युवती द्वारा आयुष खेमका पर शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाने का आरोप लगाने से जुड़ा हुआ था। युवती ने कल्याणपुर थाने में FIR दर्ज करवाई थी, जिसमें उसने दावा किया था कि आयुष ने फेसबुक के माध्यम से उससे दोस्ती की थी। इसके बाद दोनों के बीच बातचीत शुरू हुई और एक दिन आयुष ने उसे मिलने का न्योता दिया। इसके बाद उनके बीच कई मुलाकातें हुईं, जिनमें आयुष ने युवती से शादी करने का वादा किया।
युवती ने आरोप लगाया कि आयुष ने उसे शादी के लिए यकीन दिलाया और इस विश्वास के साथ वह उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने को राजी हो गई। आरोप के अनुसार, आयुष ने कई बार युवती के साथ शारीरिक संबंध बनाए, लेकिन जब युवती ने शादी का दबाव डाला, तो आयुष ने और उसके माता-पिता ने शादी से इनकार कर दिया और मिलना भी बंद कर दिया।
कोर्ट ने पीड़िता की गवाही को संदेहास्पद और अपर्याप्त माना। अदालत ने कहा कि पीड़िता के बयान को अन्य साक्ष्यों से प्रमाणित नहीं किया जा सका और उसका आरोप संदेहास्पद था। अदालत ने यह भी कहा कि पीड़िता ने दावा किया था कि वह घटना के समय नाबालिग थी, लेकिन यह दावा झूठा साबित हुआ। कोर्ट ने कहा कि पीड़िता बालिग थी और इसलिए लैंगिक अपराधों से बालकों के संरक्षण अधिनियम, 2012 के तहत आरोप नहीं लगाए जा सकते।
कोर्ट ने अभियुक्त आयुष खेमका को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया और उसकी जमानत पर उसे रिहा कर दिया। अदालत ने आयुष के व्यक्तिगत बंधपत्र को निरस्त कर दिया और जमानतियों को उनके दायित्वों से मुक्त कर दिया।
