लखनऊ: समाजवादी पार्टी (SP) आगामी पंचायत चुनाव के लिए व्यापक तैयारियां कर रही है। पार्टी नेताओं का कहना है कि आरक्षण और परिसीमन के डाटा पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है, ताकि सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कोई गड़बड़ी न कर सके। इसके लिए हर जिले में पदाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है, जबकि प्रदेश मुख्यालय स्तर पर वरिष्ठ नेताओं की एक टीम इस कार्य की निगरानी कर रही है। किसी भी अनियमितता की जानकारी मिलने पर उसे तत्काल चुनाव आयोग तक पहुंचाने की योजना है।
SP अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पहले ही आगाह किया है कि भाजपा के पास डाटा और तकनीक का दम है और वे आईटी प्रोफेशनल्स की मदद ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि सत्ताधारी दल डाटा का मनमुताबिक इस्तेमाल कर सकता है। सूत्रों के अनुसार, भाजपा परिसीमन में ग्राम पंचायतों के जातीय आंकड़ों को प्रभावित करने की कोशिश कर सकती है, ताकि सपा की पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) रणनीति पर असर डाला जा सके।
SP इस बात पर भी नजर रख रही है कि आरक्षण का सख्ती से पालन हो और इसमें कोई हेरफेर न हो। इसके लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है, ताकि वे ग्राम, क्षेत्र और जिला स्तर पर अधिकारियों के सामने अपना पक्ष मजबूती से रख सकें। सपा नेतृत्व ने स्पष्ट किया है कि यदि कहीं गड़बड़ी पाई गई तो चुनाव आयोग से लेकर कोर्ट तक का रास्ता अपनाया जाएगा।