नई दिल्ली I स्पेसएक्स (SpaceX) ने अपनी स्टारलिंक परियोजना के तहत 28 नए सैटेलाइट्स को पृथ्वी की निचली कक्षा (LEO) में सफलतापूर्वक स्थापित किया। यह प्रक्षेपण फ्लोरिडा के केप केनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन के लॉन्च कॉम्प्लेक्स-40 से 1 मई 2025 की रात 9:51 बजे (EDT) यानी 2 मई को 0151 GMT पर फॉल्कन 9 रॉकेट के माध्यम से किया गया।
स्टारलिंक 6-75 नामक इस मिशन का उद्देश्य वैश्विक हाई-स्पीड इंटरनेट सेवा का विस्तार करना है, जिससे SpaceX पूरी दुनिया में उपग्रह-आधारित इंटरनेट सुविधा उपलब्ध हो सके।
प्रक्षेपण की प्रमुख विशेषताएं
फॉल्कन 9 रॉकेट के पहले चरण में नौ मर्लिन इंजन थे, जो SpaceX की उड़ान के ढाई मिनट बाद बंद हुए, जिसके बाद चरण विभाजन हुआ। बूस्टर B1080 ने रेट्रोग्रेड बर्न के साथ अटलांटिक महासागर में “Just Read the Instructions” ड्रोन शिप पर सुरक्षित लैंडिंग की। यह बूस्टर की 18वीं उड़ान और स्टारलिंक मिशनों के लिए 12वीं बार उपयोग था। रॉकेट के दूसरे चरण ने प्रक्षेपण के एक घंटे बाद 28 सैटेलाइट्स को लक्षित कक्षा में सफलतापूर्वक रिलीज किया।
स्टारलिंक नेटवर्क का विस्तार
ये SpaceX की सैटेलाइट्स जल्द ही अपने संचालन स्लॉट्स में पहुंच जाएंगे और 7,200 से अधिक सैटेलाइट्स वाले स्टारलिंक मेगाकॉन्स्टेलेशन का हिस्सा बनेंगे। यह नेटवर्क उपयोगकर्ताओं को निरंतर कनेक्टिविटी प्रदान करता है, बशर्ते उनके टर्मिनल उपग्रहों की दिशा में हों।
SpaceX की उपलब्धियां
यह 2025 में SpaceX का 51वां स्टारलिंक मिशन और 34वां फॉल्कन 9 प्रक्षेपण है। कंपनी ने इस वर्ष दो स्टारशिप टेस्ट फ्लाइट्स भी की हैं, जो कमर्शियल स्पेस सेक्टर में उसकी मजबूत स्थिति को दर्शाता है। SpaceX का लक्ष्य पृथ्वी के हर कोने में तेज इंटरनेट पहुंचाना है, और यह प्रक्षेपण उस दिशा में एक और सफल कदम है। रॉकेट पुनः उपयोग और निजी स्पेसफ्लाइट में यह मिशन नई ऊंचाइयों को छूता हुआ प्रतीत होता है।
