राम मंदिर को आकाशीय बिजली से बचाने के लिए विशेष इंतजाम, शिखर से जमीन तक डाले जाएंगे 28 तांबे के तार

अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य मार्च 2025 तक पूरा हो जाएगा। निर्माण प्रक्रिया में इसे हजारों साल तक सुरक्षित रखने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है। मंदिर के शिखर को आकाशीय बिजली से सुरक्षित रखने के लिए 28 तांबे के तार शिखर से जमीन तक लगाए जाएंगे। इसके साथ ही एक विशेष यंत्र भी स्थापित किया जाएगा।

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मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने जानकारी दी कि राम मंदिर परिसर में चल रहे सभी निर्माण कार्य मार्च से जुलाई 2025 तक पूरे हो जाएंगे, जबकि परकोटा का निर्माण कार्य अक्टूबर 2025 तक चलेगा।

अन्य निर्माण विशेषताएं

लोअर प्लिंथ में 60 म्यूरल लगाने की योजना है, जिनमें से 21 म्यूरल बनकर तैयार हो चुके हैं।

गर्भगृह के परिक्रमा पथ पर विशेष टाइटेनियम जालियों का निर्माण किया जा रहा है, जिसे रक्षा मंत्रालय की संस्था द्वारा तैयार किया जा रहा है। कुल 30 जालियां लगाई जाएंगी।

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शिखर का निर्माण सबसे चुनौतीपूर्ण हिस्सा है, जिसे पूरी सुरक्षा और भव्यता के साथ तैयार किया जा रहा है। राम मंदिर का यह भव्य स्वरूप इसे न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र बनाएगा बल्कि इंजीनियरिंग और वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण भी होगा।

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