Lucknow : उत्तर प्रदेश में 27 जुलाई को आयोजित होने जा रही RO/ARO परीक्षा को नकलमुक्त और निष्पक्ष बनाने के लिए योगी सरकार ने व्यापक और अभूतपूर्व सुरक्षा इंतजाम किए हैं। परीक्षा की शुचिता सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने STF, पुलिस और खुफिया एजेंसियों को पूरी तरह से सक्रिय कर दिया है।
परीक्षा के दृष्टिकोण से संवेदनशील माने गए केंद्रों पर STF की विशेष तैनाती होगी। हर केंद्र पर सुरक्षा बल मौजूद रहेगा, जो परीक्षार्थियों की गहन तलाशी लेकर निषिद्ध सामग्रियों के प्रवेश को रोकेंगे। पुलिस आयुक्त, एसएसपी और एसपी स्तर के अधिकारी जिला स्तरीय नोडल अफसर के रूप में परीक्षा पर सीधी नजर रखेंगे।

STF और साइबर यूनिट सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, जैसे व्हाट्सएप, टेलीग्राम आदि पर फैल रही किसी भी अफवाह या नकल से संबंधित गतिविधि पर कड़ी नजर रख रही है। परीक्षा केंद्रों के आसपास स्थित कोचिंग संस्थानों की निगरानी के लिए भी समर्पित टीमें तैनात की गई हैं।
राज्य सरकार ने परीक्षा में विघ्न डालने की कोशिश करने वाले पुराने आरोपियों और नकल गैंग की पहचान कर उनकी गतिविधियों पर सतत निगरानी का STF और साइबर यूनिट को आदेश दिया है। यदि कोई अभियुक्त जमानत पर है, तो उसके खिलाफ सतर्कता और कानूनन कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

प्रश्न पत्र और उत्तर पुस्तिकाओं की गोपनीयता बनाए रखने के लिए ट्रेजरी से बंडलों की निकासी से लेकर केंद्र पर उनकी सुपुर्दगी तक हर चरण पर सशस्त्र सुरक्षाकर्मियों और वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी अनिवार्य की गई है।
आरओ/एआरओ परीक्षा एक ही पाली में सुबह 9:30 से दोपहर 12:30 बजे तक आयोजित होगी। प्रदेशभर के 75 जिलों में कुल 2,382 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें 10.76 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल होंगे। प्रत्येक जिले के जिलाधिकारी को नोडल अधिकारी नामित किया गया है, जो पूरे परीक्षा संचालन की जिम्मेदारी निभाएंगे।


किसी भी प्रकार की अनुचित गतिविधि में लिप्त पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम, 2024 और भारतीय दंड संहिता की सुसंगत धाराओं के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी।
सरकार और आयोग का यह संयुक्त प्रयास राज्य की परीक्षाओं में पारदर्शिता और ईमानदारी के नए मानक स्थापित करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।