Sambhal Jama Masjid: जामा मस्जिद में रविवार को अदालत के आदेश पर चल रहे सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क उठी। अराजक तत्वों ने पथराव किया, जिसके बाद पुलिस को स्थिति नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने और हल्का बल प्रयोग करने पर मजबूर होना पड़ा। इस घटना में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। प्रशासन ने पथराव में शामिल 10 लोगों को हिरासत में लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है।
स्थानीय अदालत के निर्देश पर यह सर्वेक्षण कराया जा रहा है। याचिका में दावा किया गया है कि जामा मस्जिद की जमीन पर पहले हरिहर मंदिर था। सर्वेक्षण का कार्य सुबह 7 बजे शुरू हुआ, लेकिन जैसे ही भीड़ इकट्ठा हुई, कुछ अराजक तत्वों ने पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया। सर्वेक्षण की रिपोर्ट 29 नवंबर तक अदालत में पेश की जानी है।
पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि उपद्रवियों की पहचान ड्रोन और सीसीटीवी फुटेज के जरिए की जाएगी और उन्हें जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। जिला मजिस्ट्रेट राजेंद्र पेसिया ने उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने कहा कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और प्रशासन हालात पर नजर बनाए हुए है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि हिंसा में शामिल सभी आरोपियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
यह विवाद उस याचिका से जुड़ा है, जिसमें मस्जिद की जमीन पर पहले मंदिर होने का दावा किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि अदालत ने सर्वेक्षण के लिए एक ‘एडवोकेट कमिश्नर’ नियुक्त किया है। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण कार्य की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी पूरी हो चुकी है और रिपोर्ट जल्द अदालत में प्रस्तुत की जाएगी।
विष्णु शंकर जैन और उनके पिता हरि शंकर जैन ने इस मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व किया है। यह परिवार देश में अन्य विवादित पूजा स्थलों के मामलों में भी हिंदू पक्ष की पैरवी करता रहा है।
संभल में इस घटना के बाद इलाके में तनाव बना हुआ है, लेकिन प्रशासन ने स्थिति पर कड़ी निगरानी रखते हुए शांति बनाए रखने की अपील की है।