नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने NEET PG 2024 परीक्षा को लेकर शुक्रवार को एक अहम फैसला सुनाया। कोर्ट ने आदेश दिया कि यह परीक्षा देशभर में एक ही शिफ्ट में आयोजित की जाएगी। यह आदेश उन छात्रों की याचिका पर आया है जिन्होंने दो शिफ्टों में परीक्षा कराए जाने का विरोध किया था। छात्रों का कहना था कि इससे प्रश्नपत्रों के कठिनाई स्तर में अंतर आता है और फेयर इवैल्यूएशन (निष्पक्ष मूल्यांकन) नहीं हो पाता।
परीक्षा 15 जून को होनी है और इसके एडमिट कार्ड 2 जून को जारी किए जाएंगे। Supreme Court ने माना कि दो शिफ्ट में परीक्षा कराना न्यायसंगत नहीं है, क्योंकि कठिनाई स्तर हमेशा अलग होता है। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने स्पष्ट कहा, “नॉर्मलाइजेशन का इस्तेमाल केवल असाधारण मामलों में किया जाना चाहिए, न कि नियमित परीक्षाओं में।”
NBE (नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन) की दलील थी कि ऑनलाइन परीक्षा के लिए सीमित सेंटर्स हैं और परीक्षा को एक ही शिफ्ट में कराना मुश्किल हो सकता है। लेकिन Supreme Court ने कहा कि परीक्षा को पारदर्शी बनाना प्राथमिकता है। यदि ज़रूरत पड़े तो परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाए।
Supreme Court ने दिए ये निर्देश:
- NEET PG परीक्षा एक ही शिफ्ट में आयोजित की जाए।
- जरूरत पड़ने पर परीक्षा केंद्र बढ़ाए जाएं।
- परीक्षा की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए।
नॉर्मलाइजेशन पर क्या है विवाद?
छात्रों का कहना है कि जब परीक्षा दो शिफ्ट में होती है तो हर शिफ्ट का प्रश्नपत्र अलग होता है। कठिन प्रश्नपत्र वाले छात्रों को स्कोर में छूट मिलती है, जबकि आसान प्रश्नपत्र वालों को अंक काटे जाते हैं। यह प्रक्रिया निष्पक्ष नहीं है, खासकर तब जब एक-एक अंक से पसंदीदा स्ट्रीम जैसे रेडियोलॉजी, गाइनोकोलॉजी आदि तय होती है।
क्या है परीक्षा की स्थिति?
हर साल लगभग दो लाख MBBS ग्रेजुएट NEET PG की परीक्षा देते हैं, जबकि उपलब्ध सीटें केवल 52,000 होती हैं। पिछले साल पहली बार यह परीक्षा दो शिफ्टों में कराई गई थी, जिसके बाद छात्रों ने इसका विरोध शुरू किया।
