वाराणसी रोपवे परियोजना पर सुप्रीम कोर्ट की रोक, भूमि अधिग्रहण विवाद पर सुनवाई अप्रैल तक स्थगित

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट वाराणसी रोपवे के निर्माण पर सुप्रीम कोर्ट ने अस्थायी रोक लगा दी है। यह आदेश तीन महिलाओं द्वारा दाखिल याचिका पर दिया गया, जिसमें उन्होंने बिना उचित भूमि अधिग्रहण के उनकी संपत्ति पर निर्माण कार्य शुरू करने का आरोप लगाया था।

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सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का दिया आदेश

न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश और संजय करोल की पीठ ने सभी तथ्यों पर विचार करने के बाद संबंधित प्राधिकरण को यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया। यानी अभी निर्माण कार्य जिस स्थिति में है, वही स्थिति बरकरार रहेगी और आगे कोई नया निर्माण नहीं होगा। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर संबंधित पक्षकारों को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत न मिलने पर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे याचिकाकर्ता

याचिकाकर्ताओं में से एक, मनसा सिंह, ने अपने अधिवक्ता रोहित अमित स्थालेकर के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की थी। उन्होंने पहले **इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि उनकी फ्री होल्ड संपत्ति पर अवैध रूप से तोड़फोड़ की गई।

हाईकोर्ट ने मामले में उत्तर प्रदेश सरकार और अन्य पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था, लेकिन कोई अंतरिम राहत नहीं दी थी। इसके बाद, याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जहां अदालत ने अंतरिम आदेश पारित करते हुए निर्माण कार्य पर अस्थायी रोक लगा दी।

अप्रैल 2025 में होगी अगली सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले की अगली सुनवाई अप्रैल 2025 में की जाएगी, जिसमें भूमि अधिग्रहण और मुआवजे के मुद्दे पर विस्तृत चर्चा होगी। फिलहाल, रोपवे परियोजना पर कोई नया निर्माण कार्य नहीं होगा।

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