भारतीय सभ्यता और वास्तुकला की झलक दर्शाता है ये मंदिर, Guinness Book में भी दर्ज है नाम

वैसे तो भारत में कई मंदिर है, जो अपनी विशिष्टताओं और दैवीय चमत्कारों से पूरी दुनिया में जाने जाते हैं, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहें है जहां आपको भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिकता और वास्तुकला का एक अच्छा खासा मिश्रण देखने को मिलेगा। इस मंदिर की खूबसूरती आपको मोहित कर देगी। ये मंदिर भारत के सबसे बड़े मंदिरों में से एक जाना जाता है। इसका निर्माण इस तरह से किया गया है कि ये 1000 वर्षों या उससे ज्यादा सालों तक टिक सकता है। आइए आपको बताते है कि ये किस देवी-देवता का मंदिर हैं और भारत में कहां स्थित है। साथ ही इससे जुड़ी कई दिलचस्प बातों के बारे में भी जानेंगे।

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यहां स्थित है मंदिर

हम जिस मंदिर की बात कर रहें है, वो नई दिल्ली में नोएडा मोड़ के पास स्थित है। इस मंदिर का निर्माण बीएपीएस (बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था) द्वारा किया गया था। इस कारण इसे स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर (Swaminarayan Akshardham Temple in Delhi) के नाम से जाना जाता है। यह दिल्ली के सबसे अच्छे पर्यटक आकर्षणों में से एक है।

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दर्शाता है 10,000 साल पुरानी भारतीय सभ्यता की झलक

6 नवंबर 2005 को इस अद्भुत मंदिर का उद्घाटन हुआ था, जो 10,000 साल पुरानी भारतीय सभ्यता की झलक दर्शाता है। अक्षरधाम मंदिर भूमि क्षेत्र के हिसाब से दुनिया के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है। ये अन्य मंदिरों की तरह कोई साधारण मंदिर नहीं है। इसका पूरा परिसर 100 एकड़ भूमि में फैला हुआ है। इस मंदिर को बनाने में 11 हजार से भी अधिक कारीगरों को लगाया गया था। इतने शानदार मंदिर को बनाने में पांच साल लगा था। मंदिर का निर्माण सफेद इटालियन संगमरमर और राजस्थानी गुलाबी पत्थर से किया गया है।

1000 साल तक टिका रहेगा ये मंदिर

इस मंदिर का आर्किटेक्चर कुछ इस तरह से बनाया गया है कि ये 1000 साल या उससे ज्यादा भी टिक सकता है। ये अपने आप में आर्किटेक्चर का अनूठा नमूना है। स्मारक के आयामों की बात करें तो यह 350 फीट लंबा, 315 फीट चौड़ा और 141 फीट ऊंचा है।

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भारत के 151 तालाबों के पानी को मिलाकर बनाया गया है नारायण सरोवर

अक्षरधाम मंदिर के आस-पास नारायण सरोवर जिसमें भारत के प्रसिद्ध 151 तालाबों के पानी लाकर मिलाए गए है। इसी के साथ 108 गायों के सिर इस तालाब के आस-पास बनाए गए हैं जो हिंदू धर्म के 108 देवताओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसी के साथ, 3000 फिट लंबा परिक्रमा का पथ राजस्थान से लाए गए लाल पत्थरों से बनाया गया है।

मंदिर परिसर में बना है खूूबसूरत लोटस गार्डन

अक्षरधाम मंदिर कॉम्प्लेक्स में एक खूबसूरत गार्डन भी बनाया गया है जो कमल के आकार का है, इसलिए इसे लोटस गार्डन कहा जाता है। अगर इसे ऊपर से देखें तो ऐसा लगेगा कि एक बड़ा सा कमल खिला हुआ है। इस गार्डन के पत्थरों पर सिर्फ स्वामी विवेकानंद और हिंदू धर्म गुरुओं के वचन ही नहीं बल्कि शेक्सपियर और मार्टिन लूथर जैसे लोगों के कोट्स भी दिए गए हैं।

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मंदिर के अंदर बना है थिएटर

अक्षरधाम मंदिर के अंदर एक थिएटर भी है, जिसमें स्वामीनारायण भगवान के बारे में जानकारी दी जाती है। इसी के साथ, 11 फिट ऊंची लक्ष्मी-नारायण और शिव-पार्वती, राधा-कृष्ण, सीता-राम की मूर्तियां भी स्थापित की गई हैं।

मंदिर में लगे हैं 10 दरवाजें

इस मंदिर में 10 दरवाजे लगे हुए है, हर एक दरवाजे का एक अलग महत्व है जिन्हें वैदिक साहित्य की 10 दिशाओं के आधार पर बनाया गया है। ये दरवाजे ये दर्शाते हैं कि अच्छाई किसी भी तरफ से आ सकती है।

दुनिया का सबसे बड़ा यज्ञ कुंड

अक्षरधाम मंदिर में एक यज्ञपुरुष कुंड है जो दुनिया का सबसे बड़ा यज्ञ कुंड है। 108 छोटे-छोटे मंदिरों और 2870 सीढ़ियां चढ़ने के बाद इस यज्ञ कुंड तक पहुंचा जाता है। 17 दिसंबर 2007 को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने इस मंदिर को सबसे विशाल हिंदू मंदिर घोषित किया था।

म्यूजिकल फाउंटेन

इस मंदिर में एक म्यूजिकल फाउंटेन भी है जिसमें आकर्षक लाइट और साउंड शो होता है। ये हर शाम किया जाता है। इस शो में जीवन चक्र को दिखाया जाता है। इस मंदिर के अंदर मोबाइल फोन ले जाना मना है।

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