Patna : बिहार में विशेष मतदाता सत्यापन अभियान (SIR) को लेकर विपक्ष का विरोध तेज हो गया है। नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के वरिष्ठ नेता Tejashwi Yadav ने इस मुद्दे पर विधानसभा चुनाव 2025 के बहिष्कार का संकेत दिया है। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि यदि सरकार मतदाता सूची से लाखों नाम हटाकर “बेईमानी” करने पर आमादा है, तो चुनाव बहिष्कार का विकल्प विपक्षी दलों के पास खुला है और इस पर गंभीरता से विचार किया जाएगा।

Tejashwi Yadav ने मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया कि सरकार चुनाव में धांधली की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा कि जब सब कुछ तय हो गया है कि बेईमानी करनी है, वोटर लिस्ट से लाखों नाम हटाने हैं, तो हम क्यों भाग लें ऐसे चुनाव में, यही वोटर तो थे जिन्होंने मोदी जी को वोट दिया, सरकारें बनाईं। अब जब विपक्ष को वोट देने की बारी है, तो नाम ही गायब कर दो।

Tejashwi Yadav ने कहा कि एसआईआर के जरिए चुनाव आयोग और सरकार मिलकर असली खेल एक अगस्त के बाद करने वाली है। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी खुद ही फॉर्म साइन करके अपलोड कर रहे हैं और पारदर्शिता का दिखावा किया जा रहा है। उनका दावा है कि चुनाव आयोग और सत्ता पक्ष के लोग “मिले हुए” हैं।
आरजेडी नेता ने कहा कि वह महागठबंधन के सभी घटक दलों से इस मुद्दे पर बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा कि हम लोग गंभीरता से इस पर चर्चा करेंगे कि क्या ऐसे चुनाव में भाग लेना उचित है। जब लोकतंत्र में जनता का ही नाम वोटर लिस्ट से हटा दिया जाए, तो लोकतंत्र का क्या मतलब रह जाता है।

Tejashwi Yadav ने चुनाव आयोग की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड को लेकर गाइडलाइन दी है, तो चुनाव आयोग उसे क्यों नहीं मान रहा, उन्होंने यह भी पूछा कि मंत्री विजय चौधरी इस विषय पर चुप क्यों हैं।

Tejashwi Yadav का यह बयान बिहार की राजनीति में नई हलचल पैदा कर सकता है। अगर महागठबंधन सच में चुनाव बहिष्कार का रास्ता अपनाता है, तो यह 2025 के चुनावी समीकरण को पूरी तरह से बदल सकता है।
