वाराणसी। शिव बारात समिति ने इस वर्ष अपनी 43वीं शिव बारात के समय में परिवर्तन किया है। महाशिवरात्रि के अगले दिन, यानी 27 फरवरी को यह पारंपरिक तरीके से निकाली जाएगी। इस बार की शिव बारात का मुख्य थीम “महाकुंभ रखा गया है। प्रशासन की अपील पर समिति ने महाकुंभ के उल्टे प्रवाह को ध्यान में रखते हुए समय में बदलाव किया है।
विदेशी भक्त भी होंगे शामिल
शिव बारात समिति के संरक्षक आर.के. चौधरी ने बताया कि इस बार की शोभायात्रा में विदेशों से भी सैकड़ों भक्त भाग लेंगे। बारात के दौरान भक्तों पर गंगा जल का छिड़काव किया जाएगा और उनका तिलक लगाकर भव्य स्वागत किया जाएगा।
शिव बारात में दिखेगी अनोखी झलक
इस भव्य आयोजन में भगवान भोलेनाथ दूल्हा बनेंगे और बैलगाड़ी पर सवार होंगे। बारातियों के रूप में काशीवासी होंगे, जिनके साथ नागा साधु भी शामिल होंगे। शिव बारात में बनारसी मस्ती का अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा। होली के रंग में सराबोर यह शोभायात्रा विभिन्न शहरों के श्रद्धालुओं को आकर्षित करेगी।
ऐसे निकलेगी शिव बारात
महादेव की त्रिशूल पर बसी अविनाशी काशी में भूत, पिशाच, ताल, बैताल सहित सभी देवी-देवताओं संग निकलने वाली यह विश्व प्रसिद्ध शिव बारात महाशिवरात्रि के अगले दिन 27 फरवरी, गुरुवार को शाम 7 बजे शुरू होगी।
बारात का रूट और समापन स्थल
शिव बारात महामृत्युंजय मंदिर, दारानगर से प्रारंभ होकर मैदागिन, बुलानाला, चौक, बाबा धाम गोदौलिया होते हुए चितरंजन पार्क पहुंचेगी। यहां वधू-पक्ष भांग-ठंडई और फूल-मालाओं से बारातियों का स्वागत करेगा।
नगर की यह विश्व प्रसिद्ध शिव बारात 43वें वर्ष में प्रवेश कर रही है और स्वर्ण जयंती की ओर अग्रसर है।