Srinagar : तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने और स्थानीय निर्वाचित सरकार को पूर्ण अधिकार देने की मांग की है। टीएमसी की राज्यसभा सांसद सागरिका घोष ने गुरुवार को कहा कि संघीय सिद्धांत भारत(federal principle india) के संविधान का मूल आधार है और एक निर्वाचित सरकार को सशक्त करना न केवल लोगों की वैध आकांक्षा है, बल्कि आस्था का विषय भी है। उन्होंने कहा कि हम जम्मू-कश्मीर की निर्वाचित सरकार का पूर्ण समर्थन करते हैं। हमारा मानना है कि कश्मीर के लोगों के कल्याण और खुशहाली के लिए निर्वाचित सरकार को सशक्त किया जाना चाहिए।
टीएमसी का पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल बुधवार को श्रीनगर पहुंचा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से उनके आवास पर मुलाकात की। सागरिका घोष ने बताया कि यह बैठक 90 मिनट तक चली और इस दौरान अब्दुल्ला ने सीमावर्ती क्षेत्रों—पुंछ, राजौरी और उरी—में रहने वाले लोगों की समस्याओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। घोष ने कहा कि हमारी बैठक बहुत अच्छी रही। मुख्यमंत्री ने बताया कि पहलगाम आतंकी हमले की तुलना में पाकिस्तान की ओर से सीमा पार गोलाबारी में अधिक लोग मारे गए हैं।

बता दें कि 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी। इसके जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत 7 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकी ठिकानों को नष्ट कर 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया। पाकिस्तान की ओर से जवाबी ड्रोन और मिसाइल हमले भारत की मजबूत वायु रक्षा प्रणाली ने विफल कर दिए।
टीएमसी प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को पाकिस्तानी गोलाबारी से प्रभावित लोगों से मिलने पुंछ रवाना हुआ। सागरिका घोष ने कहा कि उनकी पार्टी सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की पीड़ा को समझती है और उनकी समस्याओं को राष्ट्रीय स्तर पर उठाएगी। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में शांति और स्थिरता के लिए केंद्र सरकार से तत्काल कदम उठाने की मांग की।

टीएमसी की यह मांग ऐसे समय में आई है जब भारत ने पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने का संदेश दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को कहा कि भारत उम्मीद करता है कि तुर्किए जैसे देश पाकिस्तान से आतंकवाद का समर्थन बंद करने का आग्रह करेंगे। इसके साथ ही, भारत ने स्पष्ट किया है कि जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर किसी तीसरे देश की मध्यस्थता स्वीकार नहीं की जाएगी और पाकिस्तान को पीओके खाली करना होगा।
टीएमसी का यह दौरा और बयान जम्मू-कश्मीर में स्थानीय शासन को मजबूत करने और क्षेत्र में शांति बहाली के लिए राजनीतिक दलों के बीच बढ़ते समन्वय को दर्शाता है। प्रतिनिधिमंडल के दौरे से यह भी संदेश गया है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों की आकांक्षाओं को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।