WASHINGTON/MOSCOW : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Trump-Putin) आज अलास्का में आमने-सामने होंगे। इस बहुप्रतीक्षित बैठक का मुख्य एजेंडा रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के रास्ते तलाशना है। कूटनीतिक हल की संभावनाओं के बीच भारत की निगाहें भी इस वार्ता पर टिकी हैं, क्योंकि सफल समझौते की स्थिति में रूसी तेल आयात पर अमेरिका का 25% अतिरिक्त टैरिफ टल सकता है।

बैठक से पहले Trump ने फॉक्स रेडियो को दिए इंटरव्यू में उम्मीद जताई कि पुतिन के साथ समझौता संभव है। पुतिन ने भी ट्रंप के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति इस संघर्ष को खत्म करने के लिए “ईमानदारी से” कोशिश कर रहे हैं। अगर समझौता होता है तो भारत 27 अगस्त से लागू होने वाले तेल शुल्क से बच सकता है।

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की इस वार्ता का हिस्सा नहीं होंगे। हाल ही में उन्होंने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर से मुलाकात कर संयुक्त बयान में कहा था कि Trump-Putin वार्ता तभी सार्थक होगी जब पुतिन शांति के प्रति अपनी गंभीरता साबित करें। जेलेंस्की का कहना है कि यूक्रेन से जुड़ा कोई भी निर्णय यूक्रेन की भागीदारी के बिना नहीं होना चाहिए।
Trump ने स्पष्ट किया कि अंतिम समझौता पुतिन और जेलेंस्की के बीच ही होगा। अलास्का में आज की वार्ता अगले दौर के लिए रूपरेखा तैयार करेगी, जिसमें यूक्रेनी राष्ट्रपति की भी भागीदारी संभव है। यह अगली बैठक भी अलास्का में हो सकती है और इसमें ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली और पोलैंड सहित कई यूरोपीय नेता शामिल हो सकते हैं।

ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली और पोलैंड ने रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्त करने के लिए ट्रंप के प्रयासों की सराहना की है। कूटनीतिक हल की उम्मीदों के बीच वैश्विक ऊर्जा बाजार भी इस बैठक के नतीजों पर नजर रखे हुए हैं।
