नई दिल्ली। रिपब्लिकन नेता डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में वापसी करते हुए 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। स्थानीय समयानुसार दोपहर 12:01 बजे कैपिटल बिल्डिंग में आयोजित भव्य समारोह में ट्रंप ने अमेरिका के मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स के समक्ष शपथ ली। इस दौरान तालियों की गड़गड़ाहट से रोटुंडा गूंज उठा। ट्रंप इससे पहले 2017 से 2021 तक 45वें राष्ट्रपति के रूप में कार्य कर चुके हैं।
शपथ ग्रहण के बाद ट्रंप ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि अमेरिका का स्वर्ण युग शुरू हो रहा है। हमारा देश फिर से समृद्ध होगा और पूरी दुनिया में इसका सम्मान बढ़ेगा। हमारी सुरक्षा और न्याय को बहाल किया जाएगा।

रिपब्लिकन नेता जेडी वेंस ने अमेरिका के 50वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। उन्हें सुप्रीम कोर्ट के एसोसिएट जस्टिस ब्रेट कावानौघ ने शपथ दिलाई। वेंस ने समारोह में ट्रंप से पहले कैपिटल बिल्डिंग में प्रवेश किया, जहां उनका स्वागत गर्मजोशी से हुआ।

कैपिटल बिल्डिंग में ट्रंप के आगमन पर समर्थकों ने जोरदार नारे लगाए। समारोह की शुरुआत सशस्त्र बलों के कोरस और ओपेरा गायक क्रिस्टोफर मैकचियो द्वारा प्रस्तुत गीत ‘ओह, अमेरिका’ से हुई। इस मौके पर अमेरिका के शीर्ष नेताओं और उद्योगपतियों ने शिरकत की।
समारोह में पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन, जॉर्ज डब्ल्यू बुश, बराक ओबामा और पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन मौजूद थे। हालांकि, पूर्व प्रथम महिला मिशेल ओबामा अनुपस्थित रहीं।

टेक्नोलॉजी जगत की हस्तियां, जिनमें टेस्ला के सीईओ एलन मस्क, अमेजन के जेफ बेजोस, मेटा के मार्क जुकरबर्ग, गूगल के सुंदर पिचाई और एप्पल के टिम कुक शामिल थे, भी इस ऐतिहासिक पल के गवाह बने।
पीएम मोदी ने दी बधाई :-
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप को उनकी ऐतिहासिक वापसी पर बधाई दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि मेरे प्रिय मित्र राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 47वें राष्ट्रपति बनने पर हार्दिक बधाई! मैं फिर से साथ मिलकर काम करने और दुनिया के लिए बेहतर भविष्य को आकार देने के लिए उत्सुक हूं।
डोनाल्ड ट्रंप के पांचों बच्चे – इवांका, डोनाल्ड जूनियर, टिफनी, एरिक और बैरन ट्रंप – भी समारोह में उपस्थित रहे। अपनी पत्नी मेलानिया ट्रंप के साथ ट्रंप ने मंच पर पहुंचकर समर्थकों का अभिवादन किया।
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने संबोधन में अमेरिकी नागरिकों को आश्वस्त किया कि अमेरिका की संप्रभुता को पुनः प्राप्त किया जाएगा और न्याय के तराजू को संतुलित किया जाएगा। उनकी वापसी से एक बार फिर अमेरिकी राजनीति में ‘ट्रंप युग’ की झलक देखने को मिल रही है।