नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने पहली बार अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ( Donald Trump) द्वारा भारत पर लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि देश का आत्मनिर्भर होना आवश्यक है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचारों का समर्थन करते हुए स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।
पर्यावरण और सामाजिक समरसता पर जोर
भागवत ने 100 साल की संघ यात्रा के अवसर पर विज्ञान भवन में कहा कि हमें पर्यावरण के तीन प्रमुख क्षेत्रों पर काम करना होगा: पानी की बचत, सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बंद करना और अधिक पेड़ लगाना। इसके साथ ही उन्होंने सामाजिक समरसता और जातिगत भेदभाव को खत्म करने पर भी जोर दिया।
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मंदिर, पानी और श्मशान सबके लिए हैं
सरसंघचालक ने कहा कि मंदिर, पानी और श्मशान सभी के लिए हैं और इसमें कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। देश की आत्मनिर्भरता के लिए स्वदेशी उत्पादों का उपयोग बढ़ाना आवश्यक है। भागवत ने उदाहरण देते हुए कहा कि नींबू की शिकंजी पी सकते हैं, तो फिर कोका कोला या स्प्राइट की जरूरत क्यों। घरेलू और स्वस्थ भोजन को प्राथमिकता देनी चाहिए।
भारत की पहचान और संघ का संदेश
मोहन भागवत ने कहा, “हम रहें या न रहें, भारत हमेशा रहना चाहिए।” उन्होंने लोगों से संघ के कार्यों को समझने और उसका अनुभव लेने की अपील की। उनके अनुसार शुद्ध सात्त्विक प्रेम ही संघ की पहचान है और यही कार्य का आधार है।