नई दिल्ली I वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2025-26 पेश किया, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, स्टार्टअप्स और MSME सेक्टर के लिए बड़े ऐलान किए गए। इस बजट में देश के गरीब, युवा, किसानों (अन्नदाता) और महिलाओं (नारी) को केंद्र में रखते हुए कई नई योजनाओं की घोषणा की गई। वित्त मंत्री ने कहा कि “यह बजट भारत की विकास गति को तेज करने, समावेशी प्रगति सुनिश्चित करने और मध्यम वर्ग की खर्च करने की क्षमता को बढ़ाने वाला बजट है।”
शिक्षा और कौशल विकास को बढ़ावा
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की शिक्षा के लिए राष्ट्रीय उत्कृष्ट संस्थान की स्थापना की जाएगी, जिससे भारत को AI तकनीक में वैश्विक लीडर बनाने का प्रयास किया जाएगा।
- IITs में 6500 नए छात्रों को प्रवेश मिलेगा और IIT पटना के बुनियादी ढांचे का विस्तार किया जाएगा।
- सरकारी स्कूलों में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए 50,000 अटल टिंकरिंग लैब्स स्थापित की जाएंगी।
- राष्ट्रीय उत्कृष्ट संस्थान (Skilling) के तहत पांच नए संस्थान बनाए जाएंगे, जो “मेक फॉर इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड” के दृष्टिकोण के अनुरूप होंगे।
- भारतीय भाषा पुस्तक योजना शुरू होगी ताकि भारतीय भाषाओं में शिक्षा को बढ़ावा दिया जा सके।
स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए बड़े कदम
- मेडिकल कॉलेजों में 10,000 नई सीटें जोड़ी जाएंगी, जिससे चिकित्सा शिक्षा को अधिक छात्रों के लिए सुलभ बनाया जाएगा।
- हर जिला अस्पताल में डे-केयर कैंसर सेंटर बनाए जाएंगे, 2025-26 में ऐसे 200 सेंटर स्थापित किए जाएंगे।
- सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 योजना के तहत 8 करोड़ बच्चों, 1 करोड़ गर्भवती महिलाओं और 20 लाख किशोरियों को पोषण और स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
MSME सेक्टर को मिलेगा बढ़ावा
- MSME क्रेडिट गारंटी कवर को बढ़ाया जाएगा, जिससे छोटे और मध्यम उद्योगों को वित्तीय सुरक्षा मिलेगी।
- MSME वर्गीकरण की निवेश सीमा 2.5 गुना और टर्नओवर सीमा 2 गुना की जाएगी, जिससे अधिक व्यवसाय इस श्रेणी में आ सकेंगे।
- 5 लाख रुपये तक का कस्टमाइज्ड क्रेडिट कार्ड सूक्ष्म उद्यमों के लिए जारी किया जाएगा, पहले वर्ष में 10 लाख कार्ड जारी किए जाएंगे।
- पहली बार उद्यमी बनने वालों को 2 करोड़ रुपये तक का टर्म लोन मिलेगा, जिससे 5 लाख महिलाएं और अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के लोग लाभान्वित होंगे।
कृषि क्षेत्र को नई रफ्तार
- प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के तहत 100 जिलों में कृषि उत्पादकता बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा, जिससे 1.7 करोड़ किसानों को फायदा होगा।
- 7.7 करोड़ किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए अल्पकालिक लोन की सुविधा दी जाएगी।
- दलहन में आत्मनिर्भरता के लिए सरकार 6 वर्षीय मिशन शुरू करेगी, जिसमें नैफेड और एनसीसीएफ तीन प्रकार की दालों की खरीद करेंगे।
- बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना होगी, जो मखाना उत्पादन और प्रसंस्करण को बढ़ावा देगा, जिससे किसानों को तकनीकी और व्यावसायिक सहायता मिलेगी।
- कपास मिशन की शुरुआत होगी, जिससे लंबे रेशे वाली कपास की उन्नत किस्मों को बढ़ावा मिलेगा और कपास किसानों की आय में वृद्धि होगी।
- असम में यूरिया संयंत्र का निर्माण किया जाएगा, जिसकी उत्पादन क्षमता 12.78 लाख मीट्रिक टन होगी।
Gig वर्कर्स और डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए नई योजना
- Gig वर्कर्स और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म वर्कर्स के लिए सरकार परिचय पत्र बनाने में मदद करेगी और उन्हें ई-श्रम कार्ड जारी करेगी, जिससे 1 करोड़ वर्कर्स को लाभ मिलेगा।
नवाचार, उद्योग और निवेश को मिलेगा बढ़ावा
- “मेक फॉर इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड” के तहत राष्ट्रीय उत्कृष्ट संस्थान स्थापित किए जाएंगे, जो भारत को वैश्विक विनिर्माण हब बनाने में मदद करेंगे।
- निजी क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने और मध्यम वर्ग की क्रय शक्ति को मजबूत करने के लिए नीतियों को और अधिक अनुकूल बनाया जाएगा।
- सब्जियों, फलों और श्रीअन्न के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए किसान उत्पादक संगठनों और सहकारी समितियों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
- राज्य सरकारों के साथ मिलकर कृषि योजनाओं को लागू किया जाएगा ताकि किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।
बजट 2025: भारत के विकास की नई दिशा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान कहा कि “यह बजट देश के समग्र विकास, रोजगार सृजन, उद्योगों के विस्तार और नागरिकों की क्रय शक्ति बढ़ाने का एक मजबूत प्रयास है।”
इस बजट में 10 प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया है:
- कृषि और खाद्य सुरक्षा
- ग्रामीण समृद्धि और सतत विकास
- समावेशी प्रगति
- विनिर्माण और मेक इन इंडिया को बढ़ावा
- MSME को समर्थन और उद्यमिता को बढ़ावा
- रोजगार और मानव संसाधन विकास
- नवाचार और प्रौद्योगिकी में निवेश
- ऊर्जा सुरक्षा और सतत विकास
- निर्यात और वैश्विक व्यापार
- *नारी सशक्तिकरण और सामाजिक सुरक्षा