यूपी बजट पर अखिलेश का तंज – “ये बजट नहीं, बड़ा ढोल है”, मायावती ने बताया मध्यम वर्ग तुष्टीकरण वाला

लखनऊ I उत्तर प्रदेश में योगी सरकार द्वारा पेश किए गए बजट पर विपक्ष ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे खोखला करार देते हुए कहा कि यह किसानों, बेरोजगारों और आम जनता की उम्मीदों पर पानी फेरने वाला बजट है। वहीं, बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने इसे सिर्फ मध्यम वर्ग के तुष्टीकरण तक सीमित बताया।

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अखिलेश यादव बोले – बजट में सिर्फ आवाज, अंदर से खोखला
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, “ये भाजपा सरकार का नौवां बजट है। ये बजट नहीं, बल्कि बहुत बड़ा ढोल है जिसमें आवाज तो बहुत है, लेकिन अंदर से खोखला है।” उन्होंने आरोप लगाया कि इस बजट में किसानों, बेरोजगारों और महिलाओं के लिए कुछ नहीं है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “लोग कह रहे हैं कि सरकार का प्रवचन तो चला गया, लेकिन बजट कब आएगा?”

अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि खुद भाजपा के मंत्री और विधायक इस बजट से निराश हैं क्योंकि इसमें उनके विभागों के लिए कुछ नहीं है। उन्होंने दावा किया कि “2025 में योगी सरकार का आखिरी बजट पेश होगा, उसके बाद नई सरकार सत्ता में आएगी।”

संगम जल को लेकर भी अखिलेश ने साधा निशाना
सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा संगम जल को साफ और स्नान योग्य बताने पर अखिलेश ने तंज कसा, “प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का दावा तो यही है कि संगम का जल पीने और नहाने योग्य नहीं है, तो क्या लखनऊ वाले दिल्लीवालों को भी सनातनी नहीं मानते?”

मायावती बोलीं – “बजट में जनहित के लिए कोई ठोस योजना नहीं”
बसपा प्रमुख मायावती ने भी इस बजट पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि “महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी और पिछड़ेपन को दूर करने के लिए कोई ठोस नीति नहीं है।” उन्होंने एक्स (Twitter) पर लिखा, “यूपी सरकार का बजट सर्वजन हिताय और सर्वजन सुखाय के उद्देश्य को पूरा करने वाला नहीं है, बल्कि मध्यम वर्ग को तुष्ट करने वाला है।”

उन्होंने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “यूपी के लोग बुनियादी सुविधाओं से जूझ रहे हैं। सड़क, पानी, स्कूल, अस्पताल और रोज़गार की व्यवस्था करने की जगह सरकार उन्हें सिर्फ सपने दिखा रही है।”

यूपी का बजट और विपक्ष की नाराजगी
योगी सरकार के इस बजट पर विपक्ष की नाराजगी साफ झलक रही है। अखिलेश इसे खोखला और सिर्फ प्रचार वाला बता रहे हैं, तो मायावती इसे गरीबों और पिछड़ों के लिए निराशाजनक कह रही हैं। अब देखना होगा कि सरकार इन आरोपों का किस तरह जवाब देती है।

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