उत्तर प्रदेश के अधिकांश जिलों में पिछले कुछ दिनों से घने कोहरे और कड़ाके की ठंड का प्रकोप जारी है। लखनऊ, सीतापुर, अयोध्या, और लखीमपुर खीरी सहित राज्य के कई हिस्सों में लोग कंपकंपाती सर्दी से जूझ रहे हैं। ठंड और कोहरे के कारण जनजीवन प्रभावित हो रहा है।
IMD की भविष्यवाणी: तापमान में और गिरावट संभव
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, उत्तर भारत में तापमान 2 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है। विभाग ने बताया है कि 20 जनवरी की सुबह से कोहरे में कुछ कमी आने की संभावना है क्योंकि बादल पूर्व दिशा की ओर बढ़ेंगे। हालांकि, फिलहाल घने कोहरे और कड़ाके की ठंड से राहत मिलने के आसार नहीं हैं।
20 जिलों में ऑरेंज अलर्ट, 43 जिलों में येलो अलर्ट
मौसम विभाग ने उत्तर प्रदेश के 20 जिलों में घने कोहरे को लेकर ऑरेंज अलर्ट और 43 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है। यह चेतावनी अगले कुछ दिनों में ठंड और कोहरे के बढ़ने के संकेत देती है।

हल्की बारिश की संभावना
IMD के पूर्वानुमान के मुताबिक, 20 से 24 जनवरी के बीच उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में हल्की बारिश हो सकती है। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से प्रदेश के पश्चिमी से पूर्वी हिस्सों में बादल छाए रहेंगे। साथ ही, बारिश और ठंडी हवाओं के कारण दिन के तापमान में 2 से 3 डिग्री तक की गिरावट देखी जा सकती है।
घने कोहरे से प्रभावित जिले
सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बरेली, बदायूं, रामपुर, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, बिजनौर, सीतापुर, बहराइच, श्रावस्ती, बस्ती, गोरखपुर, महराजगंज, गोंडा और देवरिया जैसे जिलों में सुबह और देर रात घना कोहरा छाया रहेगा। 19 जनवरी को कोहरे को लेकर कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है, लेकिन 20 से 22 जनवरी तक कुछ स्थानों पर कोहरा और बारिश का प्रभाव रहेगा।
ठंड और बारिश के चलते जनजीवन प्रभावित
कानपुर, लखनऊ, झांसी, मुरादाबाद, चित्रकूट, उन्नाव, फतेहपुर, शाहजहांपुर, आगरा, अलीगढ़, वाराणसी, प्रयागराज, जौनपुर, और देवरिया जैसे जिलों में घने कोहरे और बारिश के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त है। बीएचयू के मौसम वैज्ञानिक प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि नए पश्चिमी विक्षोभ के कारण कई जिलों में बूंदाबांदी हो सकती है, जिससे ठंड का असर और बढ़ेगा।

उत्तर प्रदेश में कड़ाके की ठंड, घने कोहरे और संभावित बारिश से लोगों को फिलहाल राहत नहीं मिलने वाली है। मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में सर्दी का कहर जारी रहेगा, जिससे बचाव के उपाय करना जरूरी है।