देहरादून। उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू होने का रास्ता साफ हो गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में शनिवार को UCC की नियमावली को मंजूरी दी गई। मुख्यमंत्री धामी ने इसे उत्तराखंड के लिए ऐतिहासिक कदम बताया और कहा कि राज्य देश में UCC लागू करने वाला पहला प्रदेश बनेगा।
21 जनवरी को होगा वेब पोर्टल का मॉक ड्रिल
समान नागरिक संहिता के वेब पोर्टल का मॉक ड्रिल 21 जनवरी को पूरे प्रदेश में किया जाएगा। इस दौरान रजिस्ट्रार, सब-रजिस्ट्रार और अन्य अधिकारी यूसीसी पोर्टल पर विवाह, तलाक, वसीयत, लिव-इन रिलेशन आदि से जुड़ी सेवाओं का अभ्यास करेंगे। इस प्रक्रिया के जरिये यह सुनिश्चित किया जाएगा कि UCC लागू होने के बाद आम जनता को कोई तकनीकी समस्या न हो।
UCC लागू होने पर होंगे ये बदलाव:
- सभी धर्म-समुदायों के लिए विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता और विरासत के लिए एक समान कानून।
- विवाह का पंजीकरण न कराने पर ₹25,000 तक का जुर्माना और सरकारी सुविधाओं से वंचित किया जाएगा।
- विवाह के लिए लड़कों की आयु 21 वर्ष और लड़कियों की 18 वर्ष निर्धारित।
- हलाला और इद्दत जैसी प्रथाओं पर रोक।
- संपत्ति में बेटा और बेटी को समान अधिकार।
- लिव-इन रिलेशनशिप का पंजीकरण अनिवार्य।
- नाजायज बच्चों को भी जैविक संतान का दर्जा और संपत्ति में अधिकार।
UCC लागू करने का सफर:
- फरवरी 2022: मुख्यमंत्री धामी ने विधानसभा चुनाव में UCC की घोषणा की।
- फरवरी 2024: विशेषज्ञ समिति ने ड्राफ्ट रिपोर्ट सरकार को सौंपी।
- मार्च 2024: राष्ट्रपति से विधेयक को मंजूरी मिली।
- अक्टूबर 2024: नियमावली राज्य सरकार को सौंप दी गई।
- जनवरी 2025: कैबिनेट ने नियमावली को मंजूरी दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कदम राज्य को नई दिशा देगा और सभी नागरिकों के बीच समानता सुनिश्चित करेगा।