Varanasi: पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने के बाद वाराणसी में पहली बार दरोगाओं की परफॉर्मेंस रिपोर्ट तैयार की गई, जिसमें 180 सब इंस्पेक्टर बुरी तरह फेल हो गए। इसके बाद पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने कड़ा एक्शन लेते हुए सभी फेल दरोगाओं को पुलिस लाइंस में अटैच कर दिया और तीन दिन की सख्त ट्रेनिंग शुरू करवा दी है।
इन दरोगाओं को चार बैच में बांटा गया है, जिनमें हर बैच में 45-45 दरोगा शामिल किए गए हैं। सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक फिजिकल, प्रैक्टिकल और थ्योरिटिकल सेशन चलेंगे। इसमें परेड, दंगा नियंत्रण, फुट पेट्रोलिंग, विवेचना, सीएम डैशबोर्ड, IGRS निस्तारण जैसे विषयों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।
40 से अधिक दरोगा रविवार देर रात ही पुलिस लाइंस में आमद कराने पहुंच गए। सोमवार सुबह ये सभी परेड ग्राउंड में वर्दी में शामिल हुए। यहां उन्हें हथियार खोलने-बंद करने, दौड़, श्रमदान और अन्य पुलिस कार्यों में लगाया गया।
प्रशिक्षण के दौरान इन्हें सीएम डैशबोर्ड, IGRS, साइबर अपराध, नए भारतीय कानून BNS, BNSS, BSA, हेल्पलाइन नंबरों की उपयोगिता और ASI मूल्यांकन प्रक्रिया की जानकारी दी जाएगी। 8 प्रमुख बिंदुओं पर आधारित इस ट्रेनिंग की जिम्मेदारी IPS, ADCP और ACP स्तर के अधिकारियों को सौंपी गई है।
Varanasi कमिश्नर के अनुसार, ट्रेनिंग के बाद दोबारा इन दरोगाओं का परफॉर्मेंस रिव्यू किया जाएगा। फेल होने वालों पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।दरअसल, पुलिसिंग रिव्यू में 589 दरोगाओं की जांच की गई, जिसमें 478 दरोगा 50 फीसदी से कम अंक पाए। 107 दरोगा को हर सवाल में जीरो मिला। कई दरोगा FIR तक नहीं लिख पा रहे थे, जबकि 300 से ज्यादा ने NBW में कोई गिरफ्तारी नहीं की। 400 से ज्यादा दरोगाओं ने पिछले महीनों में कोई विशेष कार्य नहीं किया।

यह पहली बार है जब Varanasi में इतनी बड़ी संख्या में दरोगाओं को उनकी खराब कार्यशैली पर लाइन हाजिर कर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस कवायद से कमिश्नरेट पुलिस को सुधार की उम्मीद है।