स्वास्थ्य क्षेत्र में वाराणसी की बड़ी छलांग: 104 चिकित्सा केंद्रों को मिला NQAS सर्टिफिकेशन, बना देश का पहला जिला

Varanasi : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी ने स्वास्थ्य सेवाओं में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। जिले की 104 चिकित्सा इकाइयों को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड (NQAS) सर्टिफिकेशन प्राप्त हुआ है, जिसके साथ वाराणसी देश और उत्तर प्रदेश का पहला जिला बन गया है, जिसने यह मानक हासिल किया। इस उपलब्धि की जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. संदीप चौधरी ने दी।

उपलब्धि का विवरण

  • सर्टिफाइड इकाइयाँ:
    • श्री शिव प्रसाद गुप्त मंडलीय चिकित्सालय (एसएसपीजी)
    • सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी): चोलापुर
    • प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी): 10 (शहरी और ग्रामीण)
    • आयुष्मान आरोग्य मंदिर (स्वास्थ्य उपकेंद्र): 92
  • महत्व: यह उपलब्धि वाराणसी की स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्ता, पारदर्शिता और सामुदायिक स्तर पर बेहतर चिकित्सा सुविधाओं की पहुँच को दर्शाती है। यह देश और प्रदेश के अन्य जिलों के लिए एक नया मानक स्थापित करती है।
  • सीएमओ का बयान: डॉ. संदीप चौधरी ने कहा कि यह उपलब्धि जिला प्रशासन, चिकित्सकों, स्वास्थ्य कर्मियों, और समुदाय के सहयोग से संभव हुई। हमारी चिकित्सा इकाइयाँ गुणवत्तापूर्ण सेवाएँ देने में सदैव तत्पर हैं। उन्होंने इस उपलब्धि के लिए डॉ. वाई.बी. पाठक, क्वालिटी एश्योरेंस मंडलीय सलाहकार डॉ. तनवीर सिद्दकी, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारियों, ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजरों, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ), एएनएम, आशा कार्यकर्ताओं और अन्य कर्मियों को बधाई दी।
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NQAS सर्टिफिकेशन और मानक

  • सात मानक: आयुष्मान आरोग्य मंदिरों को भारत सरकार के सात निर्धारित मानकों पर उच्च स्कोर प्राप्त हुआ है:
    1. गर्भावस्था और प्रसव देखभाल
    2. नवजात और शिशु स्वास्थ्य सेवाएँ
    3. बाल और किशोर स्वास्थ्य सेवाएँ
    4. परिवार नियोजन
    5. संचारी रोगों का प्रबंधन
    6. सामान्य बीमारियों और मामूली रोगों का प्रबंधन
    7. गैर-संचारी रोगों का प्रबंधन
  • प्रशिक्षण: सभी सीएचओ, एएनएम, संगिनी और आशा कार्यकर्ताओं को इन मानकों को पूरा करने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। यह प्रशिक्षण किशोरी परामर्श, गर्भावस्था और प्रसव पूर्व-पश्चात देखभाल, नवजात शिशु देखभाल, टीकाकरण, परिवार नियोजन, संचारी और गैर-संचारी रोगों की स्क्रीनिंग, जाँच और जागरूकता पर केंद्रित है।
  • डॉ. तनवीर सिद्दकी की भूमिका: क्वालिटी एश्योरेंस के मंडलीय सलाहकार के रूप में उनकी अगुवाई में यह सुनिश्चित किया गया कि सभी इकाइयाँ एनक्वास मानकों को पूरा करें।
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आयुष्मान आरोग्य मंदिर और स्वास्थ्य सेवाएँ

  • विस्तार: वाराणसी में आयुष्मान आरोग्य मंदिर घर के नजदीक स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान कर रहे हैं, जिससे सामुदायिक स्तर पर चिकित्सा सुविधाओं की पहुँच बढ़ी है।
  • सुविधाएँ: इन मंदिरों में गर्भवती महिलाओं की जाँच, टीकाकरण, परिवार नियोजन, डायबिटीज और हाइपरटेंशन जैसे गैर-संचारी रोगों की स्क्रीनिंग और सामान्य बीमारियों का उपचार उपलब्ध है। टोल-फ्री नंबर 104 के माध्यम से स्वास्थ्य परामर्श और 108 के जरिए आपातकालीन एम्बुलेंस सेवाएँ भी प्रदान की जा रही हैं।
  • यूपी हेल्थ रैंकिंग में अव्वल: अक्टूबर 2024 की यूपी हेल्थ रैंकिंग डैशबोर्ड में वाराणसी ने 74% अंकों के साथ पहला स्थान हासिल किया, जो इस वित्तीय वर्ष में जिले की औसत उपलब्धि 68% से अधिक है। यह स्वास्थ्य सेवाओं की सुदृढ़ता को दर्शाता है।

चुनौतियाँ और भविष्य की योजनाएँ

  • चुनौतियाँ: सीएमओ ने बताया कि कुछ चिकित्सा इकाइयों में बुनियादी ढाँचे और कर्मचारियों की कमी थी, जिसे जिला प्रशासन के सहयोग से दूर किया गया। हालाँकि, पंडित दीन दयाल जिला चिकित्सालय में चिकित्सा अधीक्षक (CMS) के कथित व्यवहार को लेकर विवाद ने जिले की छवि को प्रभावित किया।
  • आगामी लक्ष्य:
    • ग्रामीण क्षेत्रों के शेष आयुष्मान आरोग्य मंदिरों को NQAS सर्टिफिकेशन के लिए नामांकित किया गया है।
    • सभी सीएचसी और पीएचसी का कायाकल्प और NQAS मूल्यांकन प्रक्रिया में है।
    • सीएमओ ने आश्वासन दिया कि जल्द ही वाराणसी की सभी चिकित्सा इकाइयाँ NQAS सर्टिफाइड और कायाकल्प के मानकों को प्राप्त कर लेंगी।

वाराणसी की 104 चिकित्सा इकाइयों का एनक्वास सर्टिफिकेशन स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्ता और सामुदायिक पहुँच के प्रति जिले की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास” के विजन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की स्वास्थ्य सुधार नीतियों का परिणाम है।

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