Varanasi: वाराणसी के चौबेपुर थाना क्षेत्र के छितौना गांव में 5 जुलाई को खेत में गाय घुसने को लेकर राजभर और ठाकुर बिरादरी के बीच हुई मारपीट ने सियासी मोड़ ले लिया है। इस मामले में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर ने डीजीपी राजीव कृष्ण से मुलाकात कर निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की।
इसके बाद Varanasi पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने क्राइम मीटिंग में लापरवाही बरतने पर चौबेपुर थाना प्रभारी रविकांत मलिक को लाइन हाजिर कर दिया और चोलापुर थाना प्रभारी राकेश कुमार गौतम को भी हटा दिया। मामले की जांच के लिए चार IPS अधिकारियों की SIT गठित की गई है।
क्या है छितौना मारपीट का मामला?
विवाद की शुरुआत तब हुई जब संजय सिंह के खेत में एक छुट्टा गाय घुस गई। संजय ने गाय को भगाया तो वह राजभर बिरादरी के छोटू, भोले, गुलाम और सुरेंद्र राजभर के खेत में चली गई। गाय को दोबारा संजय के खेत में भेजने पर दोनों पक्षों में कहासुनी हुई, जो देखते ही देखते मारपीट में बदल गई। आरोप है कि अनुराग सिंह और संजय सिंह पर तलवार से हमला हुआ।
दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर लाठी-डंडों से हमला किया। Varanasi पुलिस के सामने संजय सिंह और उनके परिवार को जीप से खींचकर पीटा गया। घायलों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां भी संजय पर हमला हुआ। दोनों पक्षों के घायलों को Varanasi ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया।
पुलिस कार्रवाई और FIR
6 जुलाई को ज्वाला प्रसाद राजभर की तहरीर पर संजय सिंह, अनुराग सिंह, अमित सिंह और एक अज्ञात के खिलाफ हत्या के प्रयास सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ। अनुराग और अमित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। वहीं, संजय सिंह के भाई दिगपाल सिंह की तहरीर पर Varanasi पुलिस ने शुरू में कार्रवाई नहीं की। 7 जुलाई को करणी सेना और क्षत्रिय महासभा ने थाने पर प्रदर्शन कर राजभर बिरादरी के लोगों के खिलाफ FIR की मांग की। 8 जुलाई को दिगपाल की तहरीर पर भोला, राम गुलाम, सुरेंद्र, राजेंद्र, रामाश्रय, महेंद्र राजभर और एक अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ।
SIT गठन और सियासी हलचल
मामले की जांच के लिए Varanasi अपर पुलिस आयुक्त शिवहरि मीना की अध्यक्षता में SIT गठित की गई, जिसमें डीसीपी वरुणा प्रमोद कुमार, डीसीपी क्राइम सरवणन टी., एडीसीपी वरुणा नीतू कादयान और एसीपी कैंट नितिन तनेजा शामिल हैं। समाजवादी पार्टी (सपा) का प्रतिनिधिमंडल छितौना पहुंचा और पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर एक रिपोर्ट पूर्व CM अखिलेश यादव को सौंपी।

दूसरी तरफ, मंत्री अनिल राजभर घायलों से मिलने ट्रॉमा सेंटर पहुंचे। करणी सेना ने आरोप लगाया कि मंत्री के दबाव में पुलिस ने एकतरफा कार्रवाई की। इस घटना में बीजेपी ब्लॉक प्रमुख अभिषेक सिंह चंचल, को-ऑपरेटिव चेयरमैन राकेश सिंह अलगू और अन्य सवर्ण नेता भी शामिल हो गए, जिससे मामला जातीय तनाव का रूप ले चुका है।
आरोप-प्रत्यारोप का दौर
करणी सेना के जिलाध्यक्ष आलोक सिंह ने दावा किया कि मंत्री अनिल राजभर के दबाव में Varanasi पुलिस ने संजय सिंह के खिलाफ कार्रवाई की, जबकि हमलावरों पर FIR नहीं हुई। अरविंद राजभर ने डीजीपी से मुलाकात कर निष्पक्ष जांच की मांग की, जिसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की। सपा ने प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठाते हुए पीड़ितों को आर्थिक मदद दी और योगी सरकार पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाया।