Varanasi : जिला न्यायाधीश जय प्रकाश तिवारी और जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने शुक्रवार को मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल, डीसीपी, एसीपी कोतवाली, जिला प्रोबेशन अधिकारी और विधि सह परिवीक्षा अधिकारी के साथ राजकीय सम्प्रेक्षण गृह (किशोर), राजकीय बाल गृह (बालक), राजकीय बाल गृह (बालिका) एवं राजकीय पाश्चात्वर्ती देखरेख संगठन (महिला) रामनगर का निरीक्षण किया।
बच्चों की काउंसिलिंग और शिक्षा पर विशेष ध्यान
जिला न्यायाधीश और जिलाधिकारी ने बालकों और किशोरों से संवाद करते हुए उनके भविष्य निर्माण और शिक्षा पर जोर दिया। उन्होंने निर्देश दिया कि:
- सभी बच्चों की काउंसिलिंग की जाए।
- बच्चों को उनके घर भेजा जाए और घर के नजदीकी अच्छे विद्यालयों में नामांकन कराया जाए।
- संबंधित जनपद के साथ समन्वय कर बच्चों को स्पॉन्सरसिप और बाल सेवा योजना से जोड़ा जाए।
- बच्चों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान की जाए ताकि उनका भविष्य सुरक्षित और उज्ज्वल हो।

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राजकीय बाल गृह (बालक) में बच्चों से बातचीत कर उन्हें उच्च कोटि के विद्यालय में नामांकित करने का भी निर्देश दिया गया।
किशोरों के लिए प्रशिक्षण और प्रतियोगी परीक्षा तैयारी
राजकीय सम्प्रेक्षण गृह (किशोर) में जिला न्यायाधीश और जिलाधिकारी ने किशोरों के लिए गुणात्मक और रोजगारपरक हार्टिकल्चर प्रशिक्षण शुरू करने के निर्देश दिए।

- किशोरों को प्रतिदिन डायरी लिखने का निर्देश दिया गया, जिसे संस्था अधिकारी समय-समय पर देखेंगे।
- कुछ बालक प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें प्रतियोगी परीक्षा संबंधित पुस्तकें उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए।
- संस्था की साफ-सफाई और अन्य व्यवस्थाओं को सन्तोषजनक पाया गया।

बालिकाओं का सांस्कृतिक प्रस्तुतिकरण
राजकीय बाल गृह (बालिका) में आवासित बालिकाओं ने गायन और वादन का सुंदर प्रस्तुतिकरण किया। निरीक्षण के दौरान संस्था के प्रभारी अधीक्षक/अधीक्षिका और अन्य कार्मिक उपस्थित रहे।
जिला न्यायाधीश और जिलाधिकारी ने सभी संस्थाओं में बच्चों की सुरक्षा, शिक्षा और विकास पर विशेष जोर देते हुए बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने के लिए स्पष्ट निर्देश दिए।