Varanasi : गंगा और वरुणा नदियों के बढ़ते जलस्तर के चलते बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जिला प्रशासन ने राहत कार्यों को तेज कर दिया है। बुधवार को जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार और अपर पुलिस आयुक्त शिवहरी मीना ने सलारपुर, चिरईगांव स्थित प्राथमिक विद्यालय राहत शिविर और बाढ़ चौकी का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने शिविर में ठहरे लोगों से मुलाकात कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।

राहत शिविर में मिलेगी हर जरूरी सुविधा
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने शिविर में मौजूद परिवारों की संख्या, खाने-पीने, रहन-सहन और स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिए कि शिविर में हाईजेनिक किचन, शौचालय, गैस कनेक्शन, मेन्यू अनुसार भोजन, टेंट, चिकित्सक की उपलब्धता, विद्युत सुरक्षा और साफ-सफाई की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। साथ ही फॉगिंग और चूने के छिड़काव का भी नियमित संचालन किया जाए।
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किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं चलेगी
जिलाधिकारी ने अधिकारियों से स्पष्ट कहा कि राहत और बचाव कार्यों में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी बाढ़ राहत चौकियों को अलर्ट मोड में रहने और समय-समय पर रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने को कहा गया है।

जिले में 46 राहत शिविर सक्रिय
एसडीएम सदर अमित कुमार ने जानकारी दी कि जिले में अब तक कुल 46 राहत शिविर स्थापित किए जा चुके हैं। इनमें से 27 शिविर शहरी क्षेत्रों, 10 ग्रामीण क्षेत्रों, 06 राजातालाब तहसील, और 03 पिंडरा तहसील में संचालित हैं।

जिलाधिकारी ने विशेष रूप से वरुणा नदी के किनारे बसे क्षेत्रों पर सतर्कता बरतने और संवेदनशील सदर और राजातालाब तहसीलों में सभी संबंधित विभागों को पूरी तरह तैयार रहने के निर्देश दिए हैं।
इस निरीक्षण के दौरान एसडीएम सदर अमित कुमार, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, जोनल अधिकारी, और संबंधित थानों के प्रभारी समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।