Varanasi : उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव के निर्देशों के अनुपालन में, वाराणसी के जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार (DM) ने गुरुवार को खरीफ 2025 अभियान को सफल बनाने के लिए उर्वरकों की उपलब्धता और वितरण की समीक्षा की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित इस बैठक में मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल, उप कृषि निदेशक, जिला कृषि अधिकारी, सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सहकारिता, जिला प्रबंधक पीसीएफ, क्षेत्र प्रबंधक इफको, और जिला सहकारी बैंक के प्रबंधक ने हिस्सा लिया। DM ने साधन सहकारी समितियों को रोस्टर के अनुसार समय पर खोलने और उर्वरकों की निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित करने के कड़े निर्देश दिए।

DM ने सहायक निबंधक सहकारिता को निर्देश दिया कि सभी साधन सहकारी समितियां रोस्टर के अनुसार समय पर खुलें और उनमें उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता बनी रहे। उन्होंने कहा कि जिन समितियों में 5 मैट्रिक टन से कम उर्वरक बचा हो, वहां सचिवों के माध्यम से धनराशि जमा कराकर आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। निजी क्षेत्र की उर्वरक निर्माता कंपनियों से आवंटित उर्वरकों के लिए समय पर भुगतान और जिला प्रबंधक पीसीएफ व सहकारी बैंक के साथ समन्वय स्थापित कर आपूर्ति सुनिश्चित करने को कहा गया।
उर्वरकों के वितरण पर सतत निगरानी के लिए क्षेत्रीय कर्मचारियों, खंड विकास अधिकारियों और जनपद स्तरीय अधिकारियों को प्रेक्षक के रूप में तैनात किया गया है। DM ने इन अधिकारियों को अपने क्षेत्र में प्रतिदिन भ्रमण करने और उर्वरकों की उपलब्धता या वितरण में किसी भी समस्या को तत्काल अवगत कराने का निर्देश दिया। उन्होंने जोर दिया कि उर्वरकों की बिक्री निर्धारित दरों पर हो और प्रत्येक विक्रय केंद्र पर रेट बोर्ड व स्टॉक बोर्ड अद्यतन रखा जाए। साथ ही, उर्वरकों का वितरण केवल पीओएस मशीन के माध्यम से हो और प्रत्येक कृषक को रसीद दी जाए।

उप कृषि निदेशक अमित जायसवाल ने बताया कि जुलाई माह के लक्ष्य के सापेक्ष वाराणसी में उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता है। डीएपी 173%, यूरिया 259%, एनपीके 214% और एमओपी 234% उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त, इफको से 850 मैट्रिक टन डीएपी और 500 मैट्रिक टन एनपीके, मैट्रिक्स कंपनी से 753 मैट्रिक टन डीएपी और कृभको से 1,325 मैट्रिक टन यूरिया प्राप्त हो रहा है।
DM ने जिला कृषि अधिकारी को निर्देश दिया कि किसी भी उर्वरक के साथ अन्य उत्पादों की टैगिंग न की जाए। कालाबाजारी, ओवर रेटिंग या अनियमितता की शिकायत मिलने पर तत्काल संज्ञान लेकर संबंधित विक्रेता के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाए। उन्होंने कृषकों से अपील की कि वे फसल की आवश्यकता के अनुसार ही उर्वरकों का उपयोग करें, क्योंकि अधिक उर्वरक प्रयोग से खेती की लागत बढ़ती है और मिट्टी व पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
DM की अध्यक्षता में आयोजित यह समीक्षा बैठक खरीफ 2025 के लिए उर्वरकों की समयबद्ध उपलब्धता और पारदर्शी वितरण सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण कदम है। साधन सहकारी समितियों को रोस्टर के अनुसार संचालित करने, निर्धारित दरों पर बिक्री और पीओएस मशीन के उपयोग पर जोर देकर प्रशासन ने कृषकों के हितों की रक्षा की दिशा में ठोस प्रयास किए हैं।


पर्याप्त उर्वरक उपलब्धता और सतत निगरानी से वाराणसी में खरीफ सीजन की सफलता सुनिश्चित होगी। कालाबाजारी और अनियमितता पर सख्त कार्रवाई का निर्देश अपराधमुक्त और पारदर्शी वितरण प्रणाली को मजबूत करता है। कृषकों से उर्वरकों के विवेकपूर्ण उपयोग की अपील पर्यावरण संरक्षण और टिकाऊ खेती को बढ़ावा देगी। यह पहल न केवल वाराणसी के कृषकों को सशक्त बनाएगी, बल्कि जिले को कृषि उत्पादकता और समृद्धि की दिशा में अग्रसर करेगी।