Varanasi : दुर्गाकुंड क्षेत्र के घसियारी टोला में प्रस्तावित शराब ठेका खोले जाने के खिलाफ शुक्रवार को सैकड़ों महिलाओं ने ज़ोरदार प्रदर्शन किया। नाराज महिलाएं प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय (PMO) पहुंचीं और ज्ञापन सौंपने का प्रयास किया। लेकिन इससे पहले ही प्रशासन ने उन्हें रोक लिया।

महिलाओं ने ठेका न खोलने की मांग करते हुए कहा कि यह इलाका धार्मिक और शैक्षणिक संस्थानों से घिरा है। ऐसे क्षेत्र में शराब ठेका खोला जाना न सिर्फ सांस्कृतिक और सामाजिक मूल्यों के खिलाफ है, बल्कि इससे महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े होते हैं।
“मंदिर, स्कूल और घर के बीच शराब की दुकान नहीं चाहिए”
प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि ठेका खोलने की प्रक्रिया नहीं रोकी गई तो वे बड़ा आंदोलन करेंगी। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने बताया कि इस रास्ते से रोज़ाना सैकड़ों बच्चे स्कूल जाते हैं, और आस-पास संकट मोचन मंदिर, दुर्गाकुंड मंदिर, मानस मंदिर और त्रिदेव मंदिर जैसे प्रमुख धार्मिक स्थल हैं।
एक प्रदर्शनकारी महिला ने कहा:

“हमारे बच्चों की सुरक्षा का सवाल है। पहले भी धार्मिक स्थल के पास ठेका खोला गया था, लेकिन विरोध के कारण बंद करना पड़ा। अब वही ठेका यहां लाने की तैयारी चल रही है। यह बर्दाश्त नहीं होगा।”
प्रशासन की चुप्पी, महिलाओं का बढ़ता गुस्सा
प्रदर्शन की सूचना मिलते ही एसीपी भेलूपुर गौरव कुमार, चितईपुर थाना और भेलूपुर थाना के पुलिसबल के साथ मौके पर पहुंचे। महिलाओं को शांतिपूर्वक समझाने की कोशिश की गई, लेकिन वे ठेका हटवाने की मांग पर अड़ी रहीं।
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि इस संबंध में जिलाधिकारी को पत्र भी सौंपा गया है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
स्थानीय लोगों की आशंका: बढ़ेगा अपराध, बिगड़ेगी शांति व्यवस्था
स्थानीय निवासियों का कहना है कि शराब ठेका खुलने से क्षेत्र में अपराध, सामाजिक अशांति और महिला सुरक्षा जैसे मुद्दे गंभीर हो सकते हैं। धार्मिक वातावरण में शराब की बिक्री लोगों की भावनाओं को आहत कर सकती है।
प्रशासन पर बढ़ा दबाव
अब सवाल यह है कि क्या प्रशासन जनता की आवाज सुनेगा या शराब माफियाओं के दबाव में फैसला लिया जाएगा? फिलहाल प्रशासन की ओर से ठेका खोलने को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन जन आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
