Varanasi: वाराणसी पुलिस ने साइबर क्राइम सेल और लालपुर-पांडेयपुर थाना पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में फर्जी सिम कार्ड बेचने वाले एक संगठित गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस कार्रवाई में 71 एक्टिवेटेड सिम कार्ड, बायोमेट्रिक मशीन, मोबाइल फोन और अन्य उपकरणों के साथ चार साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया। गिरोह फर्जी दस्तावेजों और डबल KYC के जरिए सिम कार्ड एक्टिवेट कर साइबर ठगों को ऊंचे दामों में बेचता था, जिसका इस्तेमाल देशभर में डिजिटल ठगी, स्टॉक मार्केट स्कैम और अन्य साइबर अपराधों के लिए किया जाता था।

Varanasi पुलिस के मुताबिक, यह गिरोह कम पढ़े-लिखे और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को निशाना बनाता था। फर्जी आधार और पैन कार्ड बनाकर सिम कार्ड एक्टिवेट किए जाते थे, जिन्हें दिल्ली, छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों के साइबर ठगों तक कूरियर या बस के जरिए पहुंचाया जाता था। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान सूर्यकांत विश्वकर्मा (नई बस्ती, लालपुर-पांडेयपुर), विकास मौर्या (विशेश्वरगंज), मोहम्मद अरमान (कजाकपुरा, आदमपुर) और एक अन्य के रूप में हुई है।

Varanasi पुलिस ने पहड़िया चौराहे के पास जाल बिछाकर इन अपराधियों को धर दबोचा। बरामद सामान में 28 सिम कार्ड (एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया), एक बायोमेट्रिक मशीन, तीन एंड्रॉयड फोन (लगभग 72,000 रुपये कीमत), पांच कीपैड मोबाइल, सात डेबिट कार्ड, पांच बैंक पासबुक, पांच चेकबुक, दो आधार कार्ड और 820 रुपये नकद शामिल हैं। जांच में एक बैंक कर्मचारी की संलिप्तता भी सामने आई है, जो फर्जी खाते खोलने में मदद करता था। पुलिस ने बैंक को कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई और टेलीकॉम कंपनी को POS एजेंट का लाइसेंस रद्द करने के लिए पत्र लिखा है।

DGP Crime Varanasi ने बताया कि यह रैकेट लंबे समय से सक्रिय था और इसके तार अंतरराज्यीय साइबर अपराधियों से जुड़े हैं। गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में छापेमारी जारी है, और बरामद इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की फॉरेंसिक जांच की जा रही है। यह कार्रवाई साइबर अपराधों पर नकेल कसने की दिशा में एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।