वाराणसी I गंगापुर की पूजा यादव ने भारतीय महिला हॉकी (Hockey) टीम में जगह बनाकर इतिहास रच दिया है। मिडफील्डर पूजा का चयन ऑस्ट्रेलिया में होने वाली भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच पांच मैचों की सीरीज के लिए हुआ है। वह वर्तमान में बेंगलुरु के साईं सेंटर में ट्रेनिंग ले रही हैं। पूजा की इस उपलब्धि ने न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे वाराणसी को गौरवान्वित किया है।
Hockey के सफर की शुरुआत 2015 में
पूजा ने बताया कि साल 2015 में, जब वह कक्षा 9 में थीं, तब गंगापुर इंटर कॉलेज में लड़कों को हॉकी(Hockey) खेलते देख उनकी रुचि इस खेल में जागी। पिता महेंद्र यादव ने उनकी इच्छा को समझा और कोच घनश्याम चोटी वाला से संपर्क किया। इसके बाद पूजा ने गंगापुर स्पोर्ट्स अकादमी में ट्रेनिंग शुरू की। कोच घनश्याम के मार्गदर्शन में पूजा ने कई स्टेट और नेशनल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया और मिडफील्डर के रूप में अपनी पहचान बनाई।

SAI सेंटर में 2017 से ट्रेनिंग
साल 2017 में पूजा का चयन बेंगलुरु के साईं सेंटर के लिए हुआ। तब से वह वहां हॉकी (Hockey) की बारीकियां सीख रही हैं। पूजा ने पेनाल्टी कॉर्नर जैसे जिम्मेदारी भरे रोल में भी महारत हासिल की है। उन्होंने कई प्रतियोगिताओं में वाराणसी और उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया है।
पिता चलाते हैं दूध की डेयरी
पूजा के पिता महेंद्र यादव गंगापुर में छोटी सी दूध की डेयरी चलाते हैं। उन्होंने बताया, “बेटी की उपलब्धि से पूरा गांव गर्व महसूस कर रहा है। लोग घर आकर बधाई दे रहे हैं।” मां कलावती देवी भी बेटी की सफलता से बेहद खुश हैं। छह बहनों और एक भाई में पूजा अकेली हैं, जो खेल से जुड़ी हैं।

लक्ष्य है ओलिंपिक
पूजा का सपना भारतीय टीम के लिए ओलिंपिक में खेलना है। वह कहती हैं, “नीली जर्सी पहनकर देश का प्रतिनिधित्व करना गर्व की बात है। मैं काशी और देश का नाम रोशन करूंगी।” पूजा को ओलंपियन ललित उपाध्याय से प्रेरणा मिलती है। वह कहती हैं, “जब भी हताशा होती है, ललित भैया के वीडियो देखकर प्रेरणा मिलती है। वह भी गांव से निकलकर ओलिंपिक तक पहुंचे।”
हॉकी वाराणसी ने दी बधाई
हॉकी वाराणसी के अध्यक्ष डॉ. एके सिंह ने पूजा की उपलब्धि की सराहना की और कहा, “प्रधानमंत्री की नीतियों से खेल का विकास हो रहा है। पूजा का चयन Hockey को और लोकप्रिय बनाएगा।” सचिव कृष्ण बहादुर रावत ने भी पूजा को बधाई दी और कहा, “ललित के बाद पूजा ने काशी में हॉकी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।”