Varanasi Power Corporation Protest : वाराणसी में बिजली कर्मचारियों और आम जनता की भारी भीड़ के बीच भिखारीपुर स्थित प्रबंध निदेशक कार्यालय पर बिजली महापंचायत का आयोजन (Varanasi Power Corporation Protest) किया गया। इस महापंचायत में एक प्रस्ताव पारित कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण को रद्द करने की मांग की गई। आयोजन में हजारों बिजली कर्मचारी और आम नागरिक शामिल हुए।
Varanasi Power Corporation Protest : बिजली महापंचायत में उठी निजीकरण के विरोध की आवाज
संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश के प्रदेश संयोजक ई. शैलेंद्र दुबे ने बताया कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक ने महापंचायत को रोकने के लिए मुख्य द्वार बंद करवा (Varanasi Power Corporation Protest) दिया, जिससे औद्योगिक अशांति उत्पन्न हुई। इसके बावजूद, बिजली कर्मचारियों ने शांतिपूर्ण और अनुशासित ढंग से निगम के मुख्य द्वार पर तीन घंटे तक बिजली महापंचायत का आयोजन किया।

प्रस्ताव में निजीकरण के नुकसान गिनाए गए
महापंचायत में पारित प्रस्ताव में कहा गया कि बिजली का निजीकरण किसानों, गरीब उपभोक्ताओं और कर्मचारियों के हित में नहीं है। इसके कारण बिजली दरों में तीन गुना वृद्धि की आशंका जताई गई।

मुंबई में घरेलू बिजली दरें 17-18 रुपये प्रति यूनिट
कोलकाता में 12 रुपये प्रति यूनिट
दिल्ली में 10 रुपये प्रति यूनिट
उत्तर प्रदेश में अधिकतम 6.50 रुपये प्रति यूनिट
आगरा और कानपुर का उदाहरण दिया
प्रस्ताव में कहा गया कि आगरा में टोरेंट पावर कंपनी को निजीकरण के तहत सौंपे जाने के बाद बिजली दरें बढ़ी हैं, जबकि सरकारी क्षेत्र में मौजूद केस्को (कानपुर) बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। आगरा में 275 करोड़ रुपये वार्षिक घाटा हो रहा है, जबकि केस्को में प्रति यूनिट 7.96 रुपये की राजस्व वसूली हो रही है।
संविदा कर्मचारियों की बहाली की मांग
महापंचायत में संविदा कर्मचारियों को बड़े पैमाने पर हटाए जाने पर गहरा रोष व्यक्त किया गया। मार्च 2023 की हड़ताल के दौरान हुए समझौते के अनुसार, अब तक संविदा कर्मचारियों की बहाली नहीं हो पाई है, जिससे कर्मचारियों में नाराजगी है। महापंचायत में मांग की गई कि सभी हटाए गए कर्मचारियों को तुरंत बहाल किया जाए।
9 अप्रैल को लखनऊ में विशाल रैली की घोषणा
महापंचायत में 9 अप्रैल को लखनऊ में होने वाली विशाल रैली में भाग लेने का आह्वान किया गया। केंद्रीय पदाधिकारियों ने कहा कि इस रैली में निर्णायक आंदोलन की घोषणा होगी।
महापंचायत में शामिल प्रमुख नेता
इस आयोजन में नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स के सुभाष लांबा, ऑल इंडिया पावर डिप्लोमा इंजीनियर्स फेडरेशन के उपाध्यक्ष जयप्रकाश, राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष अजय कुमार और शिक्षक नेता रीना त्रिपाठी ने सभा को संबोधित किया।
संघर्ष समिति की ओर से शैलेंद्र दुबे, जितेंद्र सिंह गुर्जर, आर.बी. सिंह, महेंद्र राय, पी.के. दीक्षित, माया शंकर तिवारी, चंद्र भूषण उपाध्याय समेत कई पदाधिकारी शामिल हुए।
बिजली कर्मचारियों का कहना है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। अब सभी की नजरें 9 अप्रैल को लखनऊ में होने वाली विशाल रैली पर टिकी हैं।