Varanasi: विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के बैनर तले बनारस के बिजली कर्मियों ने भिखारीपुर स्थित प्रबंध निदेशक कार्यालय पर बिजली के निजीकरण के विरोध में दोपहर 2 बजे से 5 बजे तक जोरदार प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने निजीकरण की प्रक्रिया को तत्काल रोकने की मांग की और चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन और तेज होगा।
जनजागरण सभा का दूसरा चरण कल से
संघर्ष समिति ने निर्णय लिया है कि 10 जून को जनजागरण के द्वितीय चरण के तहत Varanasi 33/11 के.वी. पन्नालाल पार्क विद्युत उपकेंद्र पर शाम 3 बजे जनजागरण सभा आयोजित की जाएगी। इसमें क्षेत्र के जनप्रतिनिधि, व्यापार संगठनों के पदाधिकारी और अन्य लोग शामिल होंगे। वक्ताओं ने बताया कि बनारस के विभिन्न क्षेत्रों में जनजागरण सभाओं का आयोजन किया जाएगा ताकि निजीकरण के दुष्परिणामों के बारे में जनता को जागरूक किया जा सके।

कर्मचारियों की कमी से बिजली मरम्मत में देरी
Varanasi वक्ताओं ने बताया कि बिजली की समस्याओं का मुख्य कारण कर्मचारियों की कमी है। पूर्वांचल के पूर्व निदेशक (कार्मिक) ने संविदा कर्मियों की संख्या में भारी कटौती की, जिसके चलते बनारस जैसे प्रमुख क्षेत्र में 400-500 संविदा कर्मियों को हटा दिया गया। इससे बिजली मरम्मत में देरी हो रही है। वर्तमान में 10,000 उपभोक्ताओं के लिए प्रत्येक शिफ्ट में मात्र 6-9 संविदा कर्मी राजस्व वसूली और लाइन अनुरक्षण का काम कर रहे हैं।
प्रबंधन पर द्विपक्षीय वार्ता न करने का आरोप
संघर्ष समिति ने प्रबंध निदेशक, पूर्वांचल को दो महीने पहले 5 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा था, लेकिन न तो समस्याओं का समाधान हुआ और न ही द्विपक्षीय वार्ता के लिए कोई पत्र जारी किया गया। इससे कर्मचारियों में भारी नाराजगी है, और वे बड़े आंदोलन की तैयारी में हैं।
2 और 9 जुलाई को देशव्यापी आंदोलन
नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स ने उत्तर प्रदेश में 194 दिनों से चल रहे आंदोलन की सराहना की और पावर कॉर्पोरेशन प्रबंधन द्वारा कर्मचारियों, संविदा कर्मियों, जूनियर इंजीनियरों और अभियंताओं के दमन की निंदा की। Varanasi कमेटी ने चेतावनी दी कि यदि दमन नहीं रुका तो देश के 27 लाख बिजली कर्मी लोकतांत्रिक ढंग से आंदोलन करने को बाध्य होंगे। इसके तहत 2 जुलाई को देश के सभी जनपदों में व्यापक विरोध प्रदर्शन और 9 जुलाई को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का ऐलान किया गया है।
केंद्र सरकार से निजीकरण रोकने की मांग
Varanasi कमेटी ने केंद्र सरकार से मांग की है कि किसानों, आम घरेलू उपभोक्ताओं और गरीब उपभोक्ताओं के हित में उत्तर प्रदेश में बिजली निजीकरण की प्रक्रिया को तत्काल निरस्त किया जाए। सभा की अध्यक्षता ई. नरेंद्र वर्मा ने की, और संचालन सौरभ श्रीवास्तव ने किया। सभा को ई. मायाशंकर तिवारी, ई. के.के. ओझा, ई. प्रीति यादव, ई. रुचि कुमारी, अलका कुमारी, प्रमोद कुमार, अंकुर पाण्डेय, संदीप कुमार, रंजीत पटेल, विजय नारायण हिटलर, सुनील कुमार, मनोज यादव, हेमंत श्रीवास्तव आदि ने संबोधित किया।
