Varanasi Ropeway : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत काशी में देश के पहले अर्बन पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे (Varanasi Ropeway) का निर्माण तेजी से जारी है। यह विश्व का तीसरा और भारत का पहला रोपवे ट्रांसपोर्ट सिस्टम होगा, जो वाराणसी के कैंट स्टेशन से गोदौलिया तक यात्रियों को सुगम यात्रा प्रदान करेगा। इस अत्याधुनिक परियोजना का निर्माण स्विट्जरलैंड की बर्थोलेट कंपनी कर रही है।
Varanasi Ropeway : रोपवे की विशेषताएं और यात्रा अनुभव
रोपवे 3.85 किलोमीटर की दूरी मात्र 16 मिनट में तय करेगा, जिससे शहर में ट्रैफिक की समस्या को काफी हद तक कम किया जा सकेगा। इस परियोजना में लगभग 150 ट्रॉली कार (गंडोला) संचालित होंगी, जो यात्रियों को बिना जाम के सुगम यात्रा का अनुभव कराएंगी।
बोलीविया और मेक्सिको के बाद वाराणसी बनेगा तीसरा शहर
रोपवे आधारित सार्वजनिक परिवहन प्रणाली की बात करें तो बोलीविया के लापाज और मेक्सिको के बाद वाराणसी दुनिया का तीसरा शहर होगा जहां यह सुविधा उपलब्ध होगी। यह परियोजना प्राचीन शहर काशी को आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर से जोड़ने का प्रयास है, जिससे यहां की परिवहन व्यवस्था को और सुगम बनाया जा सके।
रोपवे संचालन के लिए अत्याधुनिक पार्किंग सुविधा
रोपवे (Varanasi Ropeway) के सुचारू संचालन के लिए कैंट और रथयात्रा पर आधुनिक केबिन गैरेज (गंडोला पार्किंग स्टेशन) बनाए जा रहे हैं। दिनभर यात्रियों की सेवा देने के बाद सभी ट्रॉली कारों (गंडोला) को इन पार्किंग स्टेशनों पर सुरक्षित रूप से खड़ा किया जाएगा।
केबिन गैरेज और पार्किंग की क्षमता:
कैंट स्टेशन केबिन गैरेज:
पार्किंग क्षमता: 90 गंडोला
कुल क्षेत्रफल: 1150 वर्ग मीटर
रथयात्रा स्टेशन केबिन गैरेज:
पार्किंग क्षमता: 60 गंडोला (जिसमें 2 सर्विस गंडोला शामिल)
कुल क्षेत्रफल: 148 वर्ग मीटर
एनएचएलएमएल कर रही मॉनिटरिंग
रोपवे प्रोजेक्ट की निगरानी नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) द्वारा की जा रही है। अधिकारियों के अनुसार, कैंट और रथयात्रा स्टेशनों पर रोपवे संचालन के बाद सभी गंडोला को पार्क किया जाएगा, जिससे इनका सुरक्षित रखरखाव और मरम्मत की जा सके।
विश्व के सबसे प्राचीन और जीवंत शहरों में से एक काशी अब अपने आधुनिक परिवहन साधन के जरिए देश और दुनिया में एक नई पहचान बनाने की ओर अग्रसर है। इस रोपवे सेवा के शुरू होने से वाराणसी में पर्यटन को भी नया आयाम मिलेगा और शहर की यातायात व्यवस्था को और सशक्त बनाया जाएगा।