Varanasi: लहरतारा क्षेत्र की बहुमूल्य रेलवे भूमि पर वर्षों से संचालित सनबीम स्कूल का मामला अब एक नए मोड़ पर पहुंच गया है। नगर निगम वाराणसी अब इस विवाद में विधिवत पक्षकार बन गया है, जिससे न्यायालय में उसकी कानूनी भूमिका स्पष्ट हो गई है। यह मामला अब उच्च न्यायालय में लंबित है और आगामी सुनवाई में नगर निगम की भूमिका को निर्णायक माना जा रहा है।
Varanasi नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने जानकारी दी कि मौजा लहरतारा, आराजी संख्या 255 की यह भूमि रेलवे की संपत्ति है जिस पर अवैध रूप से स्कूल का संचालन किया जा रहा है। वर्ष 2013 में इस अवैध कब्जे के खिलाफ मुकदमा दायर हुआ था, लेकिन नगर निगम उस समय पक्षकार नहीं था। अब 10 मई 2025 को निगम को पांचवें पक्षकार के रूप में न्यायालय में जोड़ा गया है, जिससे निगम अब अपना पक्ष अदालत में रख सकेगा।
हाईकोर्ट में विचाराधीन है मामला
सूत्रों के अनुसार, यह मामला पहले लोअर कोर्ट में विचाराधीन था जहां स्कूल संचालक के खिलाफ फैसला आया था। इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट में अपील की और स्टे ऑर्डर प्राप्त कर लिया। फिलहाल मामला उच्च न्यायालय में लंबित है और आगामी सुनवाई में नगर निगम की भागीदारी को लेकर कानूनी हलकों में चर्चा तेज है।
43 अवैध कब्जेदारों की सूची तैयार
लहरतारा तालाब क्षेत्र की सरकारी भूमि पर कुल 43 लोगों द्वारा अवैध कब्जा किए जाने की पुष्टि हुई है। Varanasi नगर निगम ने इन सभी का रिकॉर्ड तैयार कर लिया है। बताया गया है कि कई कब्जेदारों ने स्थायी निर्माण भी कर लिए हैं। इनमें सबसे प्रमुख नाम सनबीम स्कूल का है, जो लंबे समय से इस भूमि पर संचालित हो रहा है।
Varanasi नगर निगम द्वारा दिखाई गई यह सक्रियता सरकारी भूमि की सुरक्षा के लिए एक बड़ा कदम मानी जा रही है। अब सभी 43 अवैध कब्जेदारों के खिलाफ सामूहिक कार्रवाई की योजना बनाई जा रही है।
क्या होगी अगली कार्रवाई?
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि उच्च न्यायालय की आगामी सुनवाई में नगर निगम की दलीलों का क्या प्रभाव पड़ेगा और क्या सरकार अवैध कब्जेदारों के खिलाफ कोई सख्त और निर्णायक कदम उठा पाएगी। मामले की संवेदनशीलता और सनबीम स्कूल जैसे नाम के जुड़े होने के चलते इस पर पूरे Varanasi की नजर बनी हुई है।
