Varanasi: केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की सचिव वी. विद्यावती की अध्यक्षता में शुक्रवार को वाराणसी के आयुक्त सभागार में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। बैठक का उद्देश्य काशी को एक विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना रहा, जिसमें धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व को संरक्षित रखते हुए स्थानीय आर्थिक विकास को गति देने पर बल दिया गया।
बैठक में केंद्रीय सचिव ने कहा कि Varanasi केवल एक शहर नहीं, बल्कि एक वैश्विक सांस्कृतिक केंद्र है, जो प्राचीन इतिहास, धार्मिक महत्व और कलात्मक परंपराओं का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अगले दो महीने में काशी में परिवर्तन दिखना चाहिए, जिससे देशी और विदेशी पर्यटकों को एक नई अनुभवात्मक अनुभूति हो सके।

बैठक में 16 से 20 प्रमुख स्थलों जैसे प्रमुख मंदिर, घाट, सारनाथ, कनेक्टिविटी पॉइंट्स को पहले चरण में विकास के लिए चुना गया है। इन्फ्रास्ट्रक्चर पर चर्चा करते हुए Varanasi घाटों के सौंदर्यीकरण, सड़क, बिजली, जल आपूर्ति और परिवहन सुविधाओं को बेहतर बनाने की योजना रखी गई। रिंग रोड, एयरपोर्ट कनेक्टिविटी और नाव सेवाओं को सुगम बनाने पर जोर दिया गया।
स्थानीय हस्तशिल्प और व्यवसायों को बढ़ावा देने के लिए बनारसी साड़ी, लकड़ी के खिलौने और अन्य पारंपरिक उत्पादों के प्रचार-प्रसार की बात कही गई। इसके साथ ही स्थानीय कलाकारों, शिल्पकारों और पर्यटक गाइडों को प्रशिक्षण देने और पर्यटकों के लिए सुविधाओं में सुधार करने की योजना बनाई गई।
बैठक में प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश कुमार मेश्राम ने वाराणसी में योगा सेंटर, वेलनेस सेंटर, नेचुरोपैथी और आयुर्वेद चिकित्सा को बढ़ावा देने की घोषणा की और इसके लिए सरकारी आर्थिक सहायता देने की बात कही। उन्होंने Varanasi से आने वाले पर्यटकों को चंदौली, विंध्य क्षेत्र, माँ विन्ध्यवासिनी मंदिर, चुनार किला और सोनभद्र के पर्यटन स्थलों से जोड़ने की रणनीति भी सुझाई।

Varanasi नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने शहर को फ्लेक्स, होर्डिंग और केबल तारों से मुक्त करने, उचित स्थानों पर साइनेज लगाने और शहर की स्वच्छता व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी।

जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने घाटों की पौराणिकता को ऑडियो फॉर्मेट में रिकॉर्ड कर नावों पर चलाने और फूड आउटलेट्स के मानकीकरण का सुझाव दिया। उन्होंने सांस्कृतिक संध्या जैसे कार्यक्रमों के आयोजन की बात भी कही।
बैठक में होटल व्यवसायियों, पर्यटन संगठनों और अन्य संबंधित संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। उन्होंने नाइट मार्केट, सिटी बसों की फ्रीक्वेंसी बढ़ाने, गंगा घाटों पर वाशरूम की संख्या, ट्रैफिक मैनेजमेंट, अंतरराष्ट्रीय क्रूज सेवा, पर्यटक गाइडों और वाहन चालकों को प्रशिक्षण देने जैसे सुझाव रखे।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल, स्टेशन निदेशक अर्पित गुप्ता, डीएफओ स्वाति सिंह, सीईओ विश्वनाथ मंदिर विश्वभूषण मिश्र, विकास प्राधिकरण सचिव वेद प्रकाश मिश्र, स्मार्ट सिटी, संस्कृति व पुरातत्व विभाग के अधिकारी भी उपस्थित रहे।