Varanasi: वाराणसी के मिर्जामुराद थाना क्षेत्र के गुड़िया गांव में गुरुवार रात एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। एक 5 साल की बच्ची माही के कुएं में गिरने के बाद उसे बचाने उतरे 2 युवकों समेत तीनों की मौत हो गई। ग्रामीणों ने कुएं में जहरीली गैस होने की आशंका जताई, जिसके कारण तीनों बेहोश हो गए। हादसे के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने मुआवजे की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया, जिसके चलते तीन थानों की पुलिस गांव में तैनात की गई है।
Varanasi के गुड़िया गांव में ऋषिकेश बिंद की दादी का निधन हो गया था, और गुरुवार को उनकी तेरहवीं का कार्यक्रम चल रहा था। इस दौरान प्रदीप बिंद की 5 साल की बेटी माही घर के पास खेल रही थी। शाम करीब 6 बजे वह खेलते-खेलते घर के सामने मौजूद कुएं में गिर गई। यह कुआं करीब 100 फीट गहरा था और घरेलू उपयोग के लिए पानी का स्रोत था। माही के साथ खेल रहे अन्य बच्चों ने शोर मचाया, जिससे लोग दौड़कर कुएं के पास पहुंचे।
ऋषिकेश बिंद (30), जिसका घर कुएं के सामने है, तुरंत माही को बचाने के लिए सबमर्सिबल पाइप के सहारे कुएं में उतर गया। जब वह 15 मिनट तक बाहर नहीं आया, तो रिश्तेदार रामकेश बिंद (30), जो मिर्जापुर के अदलपुर गांव से तेरहवीं में शामिल होने आए थे, भी कुएं में उतरे। लेकिन दोनों युवक और माही बाहर नहीं निकले। ग्रामीणों ने कुएं में जहरीली गैस होने की आशंका जताई।
रेस्क्यू ऑपरेशन और मौत की पुष्टि
सूचना मिलने पर मिर्जामुराद थाना प्रभारी प्रमोद पांडेय, पुलिस बल, एनडीआरएफ और फायर ब्रिगेड की टीमें मौके पर पहुंची। NDRF ने रस्सी और टोकरी की मदद से करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद माही, ऋषिकेश और रामकेश को कुएं से बाहर निकाला। तीनों बेहोश थे और उनकी सांसें नहीं चल रही थीं। ऋषिकेश के सिर पर चोट के निशान भी थे। तीनों को तुरंत एंबुलेंस से हेरिटेज अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
ग्रामीणों का हंगामा, मुआवजे की मांग
मृतकों के शव गांव लाए गए और घर के बाहर रखे गए। गुस्साए ग्रामीणों ने Varanasi प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मुआवजे की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। उनका कहना था कि खुले कुएं पर कोई सुरक्षा उपाय नहीं थे, जिसके कारण यह हादसा हुआ। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए डीसीपी आकाश पटेल, एडीसीपी वैभव बांगर, एसीपी राजातालाब सहित तीन थानों की पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर तैनात किए गए। ग्रामीणों ने एनडीआरएफ पर भी देरी से पहुंचने का आरोप लगाया।
Varanasi प्रशासन का कहना है कि प्रारंभिक जांच में कुएं में जहरीली गैस की मौजूदगी का संदेह है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद मौत का सटीक कारण स्पष्ट होगा। ग्रामीणों का आरोप है कि अगर पुलिस और एनडीआरएफ समय पर संसाधनों के साथ पहुंचती, तो शायद जानें बचाई जा सकती थीं। प्रदीप बिंद वाराणसी के एक अस्पताल में वार्ड बॉय थे, और इस हादसे ने उनके परिवार सहित पूरे गांव को गम में डुबो दिया।
