वाराणसी। थाना मिर्जामुराद के डिहवा गांव निवासी रंजित राजभर ने 6 दिसंबर को हुए एक खौफनाक हमले के संबंध में स्थानीय पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। रंजित के अनुसार, वह अपने साथी अभिषेक मौर्य के साथ राजपुर गया था, जहां एक विवाद के दौरान उसे गोलू सिंह उर्फ दीपक सिंह, दीलीप मिश्रा, रतन कोबरा और धीरज सिंह ने पकड़ लिया और बेरहमी से पीटने लगे।
रंजित ने बताया कि आरोपियों ने उसे चार पहिया वाहन में डालकर धीरज सिंह के बगीचे में ले जाकर बुरी तरह मारा-पीटा। जब वह बेहोश हो गया, तो उसे वाहन में डालकर धीरज सिंह के घर ले जाया गया। थोड़ी देर बाद जब रंजित को होश आया, तो आरोपियों ने फिर से उसे पीटना शुरू कर दिया। इसके बाद उसे काला कपड़ा पहनाकर मेंहदीगंज ताल ले जाया गया, जहां दीपक सिंह और धीरज सिंह ने उसे पिस्टल के मुठिये से मारा और उसका मोबाइल छीन लिया। रंजित ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने उसे गोली मारने की कोशिश की, लेकिन किसी तरह उसने जान बचाकर भागने में सफलता पाई।
रंजित ने पुलिस के खिलाफ आरोप लगाया कि एफआईआर दर्ज होने के बावजूद पुलिस ने प्रभावशाली लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने यह भी कहा कि थानाध्यक्ष ने उन्हें यह तक कहा कि “अगर तुम मर जाते तो हम मर्डर की धारा लगाकर कोई कार्रवाई करते”।