विद्यार्थियों को उद्यमशील बनाने के लिए ज्ञान, कौशल और मानवीय मूल्य जरूरी- प्रो. ए.के. त्यागी

वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (आई.क्यू.ए.सी.) ने बुधवार को ‘औद्योगिक प्रशिक्षण एवं स्टार्टअप फंडिंग अवसर’ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला का आयोजन जिला उद्योग केंद्र, वाराणसी के सहयोग से किया गया।

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कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी ने कहा कि आज के समय में युवाओं को केवल नौकरी खोजने वाला नहीं, बल्कि रोजगार देने वाला बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों में ज्ञान, कौशल और मानवीय मूल्य का समावेश करना होगा ताकि वे उद्यमशील बन सकें।

आई.क्यू.ए.सी. की निदेशक प्रो. नंदिनी सिंह ने कार्यशाला के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह कार्यक्रम विद्यार्थियों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने का महत्वपूर्ण प्रयास है। जिला उद्योग केंद्र, वाराणसी के सहायक निदेशक अजय गुप्ता ने मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के बारे में जानकारी दी, जिसके तहत 18 से 40 वर्ष तक के युवाओं को बिना ब्याज के 5 लाख तक की धनराशि स्टार्टअप के लिए दी जाएगी।

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सिडबी के डीजीएम रितेश ने फंडिंग प्रक्रिया और संबंधित योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। लघु उद्योग के सचिव नीरज पारीख और सहायक निदेशक वीरेंद्र राणा ने स्वरोजगार और लघु उद्योगों के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी।

कार्यक्रम का संचालन सह समन्वयक डॉ. प्रतिभा सिंह ने किया और धन्यवाद ज्ञापन कार्यशाला के समन्वयक प्रो. आनंद शंकर चौधरी ने दिया। इस कार्यशाला में 220 से अधिक विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराया।

कार्यशाला में कुलानुशासक प्रो. के.के. सिंह, कुलसचिव दीप्ति मिश्रा, एनएसएस समन्वयक डॉ. रविंद्र कुमार गौतम, आई.क्यू.ए.सी. के सदस्य प्रो. अंकिता गुप्ता सहित कई गणमान्य व्यक्ति और विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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