Weather Update : देश के अधिकांश हिस्सों में शनिवार को मौसम ने अचानक करवट ले ली। राजस्थान और मध्य प्रदेश को छोड़कर, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड जैसे पश्चिम हिमालयी क्षेत्र के इलाकों में तेज आंधी, बारिश और ओलावृष्टि देखी गई। ऊंचाई वाले स्थानों पर हिमपात के कारण कई जगह सड़कें बंद हो गईं। मौसम में आए इस बदलाव से गर्मी और उमस से राहत तो मिली, लेकिन यातायात व्यवस्था और खेती-बाड़ी को काफी नुकसान भी हुआ।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, रविवार को भी 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली चमकने, तेज हवाओं, बारिश और ओलावृष्टि की चेतावनी (Weather Update) जारी है। इनमें ऑरेंज और येलो अलर्ट शामिल हैं।
Weather Update : कश्मीर में भारी हिमपात, स्कूल बंद, रास्ते सील
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में भारी बारिश और बर्फबारी हुई है। गुरेज इलाके में हिमपात के चलते कक्षा 8 तक के स्कूल बंद कर दिए गए हैं। सिंथन टॉप और जोजिला पास जैसे ऊंचाई वाले रास्तों को बंद कर दिया गया है। बांदीपोरा-गुरेज मार्ग और अनंतनाग-किश्तवाड़ हाईवे पर यातायात पूरी तरह रुका हुआ है।
🌪️ पंजाब में तेज तूफान से तबाही, पेड़ और बिजली के खंभे गिरे
पंजाब के कैथल और अन्य जिलों में तेज आंधी-बारिश ने भारी नुकसान किया। सैकड़ों पेड़ और 130 से ज्यादा बिजली पोल गिर गए। इससे कई जगहों पर बिजली आपूर्ति बाधित रही और सड़कों पर आवागमन ठप हो गया। कृषि फसलों, खासकर गेहूं, को भी व्यापक क्षति पहुंची।
🌧️ देश के कई हिस्सों में असमय बारिश, खेतों में नुकसान
उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, केरल और पूर्वोत्तर भारत में भी बारिश और आंधी का असर देखा गया। कुछ जगहों पर ओलावृष्टि और गरज-चमक के साथ बारिश हुई। IMD ने झारखंड, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

🌍 जलवायु संकट: 2 डिग्री तापमान बढ़ा तो घटेगी फसलों की विविधता
जलवायु परिवर्तन अब सीधे कृषि और खाद्य सुरक्षा को प्रभावित कर रहा है। एक अंतरराष्ट्रीय अध्ययन के मुताबिक, यदि वैश्विक तापमान में 2°C की बढ़ोतरी होती है, तो दुनिया की 52% कृषि भूमि में फसलों की विविधता में कमी आ सकती है। यह अध्ययन प्रतिष्ठित जर्नल ‘नेचर फूड’ में प्रकाशित हुआ है।
इस शोध को फिनलैंड की आल्टो यूनिवर्सिटी, जर्मनी की गोएटिंगन यूनिवर्सिटी और स्विट्जरलैंड की ज्यूरिख यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने संयुक्त रूप से किया। अगर तापमान 3°C तक बढ़ता है, तो 56% कृषि क्षेत्र में फसल विविधता का नुकसान होगा। उप-सहारा अफ्रीका और दक्षिण एशिया इस खतरे से सबसे अधिक प्रभावित हो सकते हैं।