वाराणसी। Cancer का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है और इसके लिए स्वास्थ्य विभाग समेत अस्पतालों का पूरा प्रशासनिक ढांचा सजग है। बीएचयू अस्पताल और महामना कैंसर संस्थान की ओपीडी में रोजाना लगभग 150 नए कैंसर के मरीज सामने आ रहे हैं। इसके अलावा, निजी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में भी लगभग 100 मरीज कैंसर के विभिन्न प्रकार के लक्षणों के साथ आ रहे हैं। कुछ मरीजों में बीमारी के प्रारंभिक लक्षण मिल रहे हैं, तो कुछ मरीजों में बीमारी दूसरे और तीसरे चरण में पहुंच चुकी है।
विशेषज्ञों के अनुसार, महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर और सर्वाइकल Cancer (बच्चेदानी का कैंसर) की समस्या ज्यादा देखने को मिल रही है, जबकि पुरुषों में मुंह के कैंसर के मामले अधिक हैं।
विश्व कैंसर दिवस और कैंसर के प्रति जागरूकता
हर साल 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाना है। इस साल की थीम “यूनाइटेड बाय यूनिक” है। IMS बीएचयू में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, रेडियोथेरेपी, स्त्री रोग विभाग, सर्जरी, हिमेटोलॉजी, बाल रोग विभाग और गैस्ट्रोलॉजी विभाग में अलग-अलग प्रकार के Cancer के मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं।
बीएचयू में कैंसर के मरीजों की संख्या
बीएचयू के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के प्रो. मनोज पांडेय का कहना है कि दो साल पहले तक यहां साल में 20,000 कैंसर के मरीज आते थे, लेकिन अब यह संख्या बढ़कर 25,000 से भी ज्यादा हो गई है। इस समय बीएचयू में सभी विभागों मिलाकर करीब 25,000 से 30,000 मरीज इलाज करवाने आते हैं। महामना कैंसर संस्थान में भी वाराणसी और आसपास के जिलों से कैंसर के मरीज इलाज करवाने पहुंच रहे हैं।
कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी से इलाज
प्रो. मनोज पांडेय के अनुसार, OPD में सभी मरीजों का रिकॉर्ड अपडेट किया जाता है ताकि फॉलोअप में कोई परेशानी न हो। हर दिन करीब 300 मरीज ओपीडी में आते हैं, जिनमें से 15 महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर, 10 महिलाएं सर्वाइकल कैंसर और 15 पुरुषों में मुंह का कैंसर देखने को मिलता है। इन मरीजों की सर्जरी की जाती है और इसके बाद उन्हें कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी दी जाती है।
मुंह के कैंसर को लेकर चेतावनी
बीएचयू दंत चिकित्सा संकाय के पूर्व प्रमुख प्रो. टीपी चतुर्वेदी का कहना है कि पान, गुटखा और तंबाकू का सेवन करने वाले लोगों को मुंह के कैंसर का खतरा अधिक रहता है। दांतों और मसूड़ों में सूजन भी मुंह के कैंसर का संकेत हो सकता है। अगर मुंह में किसी प्रकार का छाला या सफेद दाग दिखे तो इसे नजरअंदाज न करें और तीन सप्ताह तक ठीक न होने पर तुरंत दंत चिकित्सक से संपर्क करें।
स्वास्थ्य विभाग की कैंसर स्क्रीनिंग
CMO डॉ. संदीप चौधरी का कहना है कि कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए विभाग शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में स्क्रीनिंग कार्यक्रम आयोजित करता है। यदि किसी व्यक्ति में कैंसर के लक्षण दिखते हैं, तो उसे महामना कैंसर संस्थान से संपर्क करने और इलाज शुरू करने की सलाह दी जाती है।
कैंसर से बचाव के उपाय
- ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के लिए 40 साल की उम्र के बाद साल में एक बार मेमोग्राफी करवानी चाहिए।
- दांतों और मसूड़ों की समस्याओं से बचने के लिए हर छह माह में दंत चिकित्सक से मिलते रहें।
- सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए डॉक्टर की सलाह पर जरूरी टीका लगवाना चाहिए।
- यदि किसी प्रकार की चोट लंबे समय से ठीक नहीं हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
इस बढ़ते हुए कैंसर के प्रकोप से बचने के लिए जागरूकता, समय पर जांच और उचित इलाज की आवश्यकता है।