चेन्नई I भारत के युवा ग्रैंडमास्टर डी. गुकेश ने सिंगापुर में आयोजित 14 मैचों की विश्व शतरंज चैम्पियनशिप में चीन के डिंग लिरेन को हराकर इतिहास रच दिया। 18 वर्षीय गुकेश ने महान गैरी कास्परोव का रिकॉर्ड तोड़ते हुए सबसे कम उम्र में विश्व शतरंज चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया। वे विश्वनाथन आनंद के बाद प्रतिष्ठित खिताब जीतने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं।
सोमवार सुबह चेन्नई हवाई अड्डे पर हजारों प्रशंसकों ने इस युवा चैंपियन का भव्य स्वागत किया। तमिलनाडु खेल विकास प्राधिकरण (SDAT) के अधिकारी, अखिल भारतीय शतरंज महासंघ के प्रतिनिधि और प्रसिद्ध वेलम्मल विद्यालय के छात्रों ने गुकेश के सम्मान में खास कार्यक्रम आयोजित किया।
गुकेश ने अपने स्वागत से अभिभूत होकर कहा, “मैं यहां आकर बहुत खुश हूं। भारत के लिए इस खिताब का क्या महत्व है, यह मैं देख सकता हूं। आप सभी का समर्थन मेरी ऊर्जा का स्रोत है।” जैसे ही वे हवाई अड्डे से बाहर आए, उन्हें माला पहनाई गई और प्रशंसकों ने घेर लिया।
छात्रों ने गुकेश को सम्मानित करने के लिए बैनर पकड़े हुए थे, जबकि SDAT अधिकारियों ने उन्हें शॉल भेंट की। इस खास मौके पर हवाई अड्डे पर एक विशेष रूप से डिजाइन की गई कार तैनात की गई थी, जिसमें गुकेश की तस्वीरें और टैगलाइन “18 एट 18” लिखी हुई थी।
गुकेश की इस ऐतिहासिक उपलब्धि ने न केवल भारतीय शतरंज को गर्व का पल दिया है, बल्कि भविष्य में देश के लिए और ऊंचाइयां हासिल करने की उम्मीद भी जगाई है
