लखनऊ। जनता की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए योगी सरकार (Yogi Government) ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए सभी सरकारी विभागों को कड़े निर्देश जारी किए हैं। अब सांसदों, विधायकों और अन्य जनप्रतिनिधियों के पत्रों की अनदेखी करने पर संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर संसदीय कार्य विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है।
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नए आदेश के तहत सभी प्रमुख सचिव, डीजीपी, मंडलायुक्त, विभागाध्यक्ष, जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को निर्देशित किया गया है कि हर सरकारी कार्यालय में “जनप्रतिनिधि पत्राचार रजिस्टर” अनिवार्य रूप से रखा जाए। इसमें सांसदों और विधायकों से प्राप्त पत्रों का पूरा विवरण दर्ज किया जाएगा। पत्र प्राप्त होते ही उसकी त्वरित कार्रवाई कर प्रकरण के निस्तारण की स्थिति से संबंधित जनप्रतिनिधि को अवगत कराना भी अनिवार्य होगा, ताकि एक ही मुद्दे पर बार-बार पत्राचार न करना पड़े।
मुख्यमंत्री (CM Yogi) ने स्पष्ट किया है कि आम आदमी की समस्याओं को गंभीरता से लिया जाए और किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि किसी अधिकारी या कर्मचारी द्वारा जनप्रतिनिधियों के पत्रों की अनदेखी की जाती है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सरकार के इस निर्णय से शासन में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी तथा जनप्रतिनिधियों के माध्यम से जनता की समस्याओं का समयबद्ध समाधान सुनिश्चित किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह निर्णय सरकार, जनता और जनप्रतिनिधियों के बीच संवाद और विश्वास को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।