लखनऊ I उत्तर प्रदेश सरकार ने शत्रु संपत्तियों में चारा उत्पादन और पशु संरक्षण केंद्र स्थापित करने की योजना बनाई है। राज्य में 6,017 शत्रु संपत्तियों की पहचान की गई है, जिन पर यह केंद्र खोले जाएंगे। इस संबंध में, प्रदेश सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से इन संपत्तियों का विवरण मांगा है।
राज्य में 7,624 गोआश्रय स्थलों पर 12 लाख से अधिक गोवंश हैं, लेकिन हरे चारे की कमी के चलते पशुओं की देखभाल में कठिनाई आ रही है। नए स्थानों की पहचान कर वहां हरे चारे के उत्पादन के साथ ही कृत्रिम गर्भाधान और शोध केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे। यह केंद्र आधुनिक तकनीक पर आधारित होंगे और देसी गायों के संरक्षण एवं संवर्धन पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
शत्रु संपत्ति क्या है?
भारत-पाकिस्तान विभाजन और युद्ध के बाद कई लोगों ने अपनी संपत्ति छोड़ दी, जिसे सरकार ने शत्रु संपत्ति घोषित कर लिया। इसके बाद 1962 के युद्ध में चीन में बसे भारतीयों की संपत्तियों को भी इसी श्रेणी में रखा गया। वर्ष 2017 में शत्रु संपत्ति अधिनियम में संशोधन के बाद यह संपत्तियां केंद्र सरकार के अधीन आ गई हैं।
केंद्र स्थापित करने की योजना सरकार का उद्देश्य चारा उत्पादन एवं पशु संरक्षण केंद्रों के माध्यम से पशुओं की जरूरतों को पूरा करना है। इस योजना से राज्य में पशुओं से संबंधित शोध केंद्रों की भी स्थापना की जाएगी।