Lucknow : उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार की कानून व्यवस्था ने न केवल देश बल्कि विदेशों में भी सुर्खियां बटोरी हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी पुलिस ने पिछले आठ वर्षों में अपराध और अपराधियों के खिलाफ Zero Tolerance Policy के तहत कठोर कार्रवाई की है। इसके परिणामस्वरूप, 2017 से अब तक 14,973 मुठभेड़ों में 30,694 अपराधियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा गया है, जबकि 9,467 अपराधियों को पैर में गोली लगी और 238 कुख्यात अपराधी मारे गए।

पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कृष्ण ने Zero Tolerance Policy पर बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर अपराधियों पर नकेल कसने के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है। सबसे अधिक कार्रवाई पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ जोन में हुई, जहां 7,969 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया और 2,911 घायल हुए। मेरठ जोन में 4,247 मुठभेड़ें दर्ज की गईं, जिसमें 81 अपराधी मारे गए। इसके अलावा, आगरा जोन में 5,529 अपराधी गिरफ्तार किए गए और 741 घायल हुए, जबकि बरेली जोन में 4,383 अपराधी पकड़े गए और 921 घायल हुए। वाराणसी जोन में 2,029 अपराधी गिरफ्तार किए गए और 620 घायल हुए।

कमिश्नरेट क्षेत्रों में भी पुलिस का Zero Tolerance Policy अभियान जोरदार रहा। गौतमबुद्धनगर में 1,983 अपराधी गिरफ्तार किए गए और 1,180 घायल हुए। गाजियाबाद कमिश्नरेट में 1,133 अपराधी पकड़े गए और 686 घायल हुए, जबकि आगरा कमिश्नरेट में 1,060 अपराधी गिरफ्तार किए गए और 271 घायल हुए। डीजीपी ने बताया कि इन कार्रवाइयों में 18 पुलिसकर्मी शहीद हुए और 1,700 घायल हुए, जो पुलिस के साहस और समर्पण को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सत्ता संभालते ही स्पष्ट कर दिया था कि अपराधियों के लिए उत्तर प्रदेश में कोई जगह नहीं है। उनकी Zero Tolerance Policy “अपराधी या तो जेल में होगा या प्रदेश से बाहर” ने पुलिस को सख्त कार्रवाई के लिए प्रेरित किया। इसके लिए पुलिस बल को आधुनिक हथियारों, उन्नत प्रशिक्षण और उच्च मनोबल के साथ सुसज्जित किया गया। इस नीति का परिणाम है कि उत्तर प्रदेश आज भयमुक्त और सुरक्षित राज्य के रूप में उभरा है, जिसकी कानून व्यवस्था की सराहना राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही है।

यूपी पुलिस की त्वरित और कठोर कार्रवाइयों ने अपराधियों में खौफ पैदा किया है। माफिया, संगठित अपराध और अवैध गतिविधियों पर गैंगस्टर एक्ट और एनएसए जैसे कानूनों के तहत सख्ती से निपटा गया है। मेरठ, आगरा और वाराणसी जैसे जोनों में हुई मुठभेड़ों ने अपराधियों को यह संदेश दिया है कि गैरकानूनी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही, संपत्ति कुर्की और अन्य कानूनी कार्रवाइयों ने माफियाओं की कमर तोड़ दी है।
हालांकि, इन मुठभेड़ों पर विपक्षी दलों ने समय-समय पर सवाल उठाए हैं, लेकिन पुलिस ने सभी कार्रवाइयों में सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पालन करने का दावा किया है। डीजीपी राजीव कृष्ण के अनुसार, मुठभेड़ों की जांच पारदर्शी ढंग से की जाती है और कई मामलों में जांच अभी भी जारी है। सरकार का कहना है कि उसकी प्राथमिकता जनता की सुरक्षा और कानून का राज स्थापित करना है, जिसके लिए कोई समझौता नहीं किया जाएगा।


योगी सरकार की Zero Tolerance Policy ने उत्तर प्रदेश को अपराधमुक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। 14,973 मुठभेड़ों, 30,694 गिरफ्तारियों और 9,467 अपराधियों को घायल करने के आंकड़े इस बात का प्रमाण हैं कि पुलिस अपराधियों के खिलाफ बिना रुके कार्रवाई कर रही है। मेरठ जोन की अगुवाई में Zero Tolerance Policy अभियान पूरे प्रदेश में अपराधियों के लिए काल बनकर उभरा है, जिससे उत्तर प्रदेश अब एक सुरक्षित और समृद्ध राज्य के रूप में अपनी पहचान बना रहा है।