नौकरानी की आत्महत्या मामले में भदोही से सपा विधायक Zahid Beg को कोर्ट से मिली जमानत, आवास पर मिला था किशोरी का शव 

Bhadohi News: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भदोही (Bhadohi) से समाजवादी पार्टी के विधायक जाहिद बेग (Zahid Beg) उर्फ जाहिद जमाल बेग को उस मामले में अंतरिम राहत दी है, जिसमें उन पर अपने सरकारी आवास पर काम करने वाली नाबालिग घरेलू सहायिका की आत्महत्या के मामले में गंभीर आरोप लगाए गए थे। न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह की एकल पीठ ने कहा कि उपलब्ध साक्ष्यों से ऐसा प्रतीत नहीं होता कि विधायक या उनके परिवार ने किशोरी को आत्महत्या के लिए उकसाया या कोई साजिश रची।

कोर्ट ने साक्ष्य और परिस्थितियों पर दिया ध्यान

कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी स्पष्ट किया कि न तो घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट बरामद हुआ और न ही पीड़िता के माता-पिता ने विधायक को सीधे तौर पर दोषी ठहराया है। साथ ही, प्राथमिकी दर्ज कराने में पांच दिन की देरी पर राज्य पक्ष की ओर से कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया। अदालत ने यह भी नोट किया कि पुलिस जांच पूरी हो चुकी है और आरोपपत्र दाखिल किया जा चुका है, ऐसे में साक्ष्यों से छेड़छाड़ की आशंका नहीं है।

विधायक पर लगे थे प्रताड़ना के आरोप

14 सितंबर 2024 को भदोही के उप-निरीक्षक हर दत्त पांडेय की ओर से जाहिद बेग (Zahid Beg) और उनकी पत्नी सीमा बेग के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। शिकायत में कहा गया कि उनके आवास पर दो किशोरियां घरेलू कामकाज के लिए तैनात थीं। इनमें से एक किशोरी की 8 या 9 सितंबर की रात संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी।

युवक से बातचीत और ब्लैकमेलिंग का आरोप

विधायक के वकील ने कोर्ट को बताया कि मृतका एक युवक के संपर्क में थी, जो उसे कथित रूप से आपत्तिजनक तस्वीरों के जरिए ब्लैकमेल कर रहा था। इस मानसिक दबाव के कारण उसने यह कदम उठाया हो सकता है। कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) में भी यह सामने आया कि आत्महत्या से ठीक पहले मृतका ने उस युवक से बातचीत की थी।

सहकर्मी के बयान से मिली कुछ और जानकारी

वहीं, मृतका के साथ काम करने वाली दूसरी किशोरी ने अपने बयान में कहा कि दोनों को कभी-कभी डांटा या पीटा जाता था और मृतका काफी समय से काम छोड़ना चाहती थी। उसने अत्यधिक काम और व्यवहार को लेकर तनाव महसूस किया था।

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सशर्त जमानत पर रिहाई का आदेश

इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए हाईकोर्ट ने जाहिद बेग (Zahid Beg) को एक लाख रुपये के व्यक्तिगत मुचलके और दो जमानतदारों के साथ सशर्त जमानत प्रदान करने का आदेश दिया। कोर्ट ने साफ किया कि जब तक ट्रायल चलता है, आरोपी को जांच और न्याय प्रक्रिया में पूरी तरह सहयोग करना होगा।

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