वाराणसी। कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी एस. राजलिंगम की अध्यक्षता में शनिवार को 100 दिवसीय सघन क्षय रोग खोजी अभियान की अंतर विभागीय समन्वय बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में क्षय रोग (टीबी) उन्मूलन के लिए विभिन्न विभागों को समन्वित प्रयास करने के निर्देश दिए गए।
जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सभी प्रभारी चिकित्सा अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में वल्नरेबल पॉपुलेशन की मैपिंग करें। इनमें कुपोषित बच्चे, स्लम क्षेत्रों में रहने वाले लोग और घनी आबादी वाले इलाके शामिल हैं। इन क्षेत्रों के लिए माइक्रो प्लान अगले सप्ताह तक तैयार करने और उसी के अनुसार सैंपलिंग शुरू करने के निर्देश दिए गए।

जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि प्रत्येक ब्लॉक में पोषण पोटली उपलब्ध कराने के लिए एक स्वयं सहायता समूह का चयन किया जाए। ये पोषण पोटलियां मरीजों की उम्र के अनुसार तैयार की जाएंगी, ताकि मरीजों को अधिकतम लाभ मिल सके। ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव और विद्यालयों के शिक्षकों को “निक्षय मित्र” बनाया जाएगा।
टीबी मुक्त पंचायत की दिशा में योजना :-
मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल ने कहा कि वर्ष 2025 तक “टीबी मुक्त ग्राम पंचायत” बनाने के लिए माइक्रोप्लान तैयार किया जाए। इसके लिए सीएसआर फंड का उपयोग करते हुए आवश्यक जांच और संसाधनों की व्यवस्था की जाएगी। एनसीसी और इंटर कॉलेज के छात्रों को जागरूकता अभियान और मरीजों को मानसिक सहायता प्रदान करने में शामिल करने के निर्देश दिए गए। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि जिला जेल और सेंट्रल जेल में हर महीने टीबी स्क्रीनिंग कैंप आयोजित करने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा, ट्यूबरक्लोसिस से संबंधित कार्यक्रमों की मासिक समीक्षा अनिवार्य रूप से की जाएगी।


मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने जानकारी दी कि 7 दिसंबर 2024 से 24 मार्च 2025 तक 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य टीबी मरीजों को खोजकर उनकी जांच और समुचित इलाज सुनिश्चित करना है।
बैठक में जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. पीयूष राय, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक कबीर चौरा डॉ. एसपी सिंह, सीएचसी-पीएचसी प्रभारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी (आईसीडीएस), डीपीओ, बीएसए, डीआईओएस, जिला कारागार और सेंट्रल जेल के प्रतिनिधि समेत अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
