वाराणसी। उत्तर और दक्षिण भारत की सांस्कृतिक एकता को मजबूत करने के उद्देश्य से काशी-तमिल संगमम 3 (KTS 3) का आयोजन 15 फरवरी से 10 दिनों तक काशी के नमो घाट पर होगा। इस भव्य कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा किए जाने की संभावना है। इस आयोजन में भाग लेने के लिए लेखकों, शिक्षकों और छात्रों का पहला जत्था चेन्नई से ट्रेन द्वारा रवाना हो चुका है।
जिलाधिकारी एस. राजलिंगम ने बताया कि इस बार काशी-तमिल संगमम की थीम ऋषि अगस्त्य और महाकुंभ होगी। ऋषि अगस्त्य दक्षिण भारतीय चिकित्सा पद्धति ‘सिद्धा’ के जनक माने जाते हैं और उनका काशी एवं तमिलनाडु से गहरा संबंध है। इस आयोजन के माध्यम से दोनों संस्कृतियों के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक जुड़ाव को दर्शाया जाएगा।

कार्यक्रम की प्रमुख विशेषताएँ :-
- उद्घाटन समारोह में सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री एल. मुरुगन के भी शामिल होने की संभावना।
- प्रतिभागी वाराणसी, प्रयागराज और अयोध्या का भ्रमण करेंगे।
- बीएचयू के ओंकारनाथ ठाकुर सभागार में अकादमिक सत्र आयोजित होंगे, जहां तमिलनाडु और काशी के विशेषज्ञों के बीच संवाद होगा।
- काशी विश्वनाथ मंदिर, मां विशालाक्षी, मां अन्नपूर्णा मंदिर और रामनगर किला का भ्रमण।
- गंगा में नौका विहार और हनुमान घाट स्थित सुब्रमण्यम भारती के आवास का दौरा।
- प्रयागराज में महाकुंभ स्नान और अयोध्या में रामलला के दर्शन के बाद प्रतिभागी तमिलनाडु वापस लौटेंगे।
डीएम ने बताया कि इस बार 1200 प्रतिभागी छह समूहों में आयोजन में शामिल होंगे—
- छात्र, शिक्षक और लेखक
- किसान और कारीगर
- पेशेवर और उद्यमी
- स्वयं सहायता समूह, मुद्रा ऋण लाभार्थी और प्रचारक
- स्टार्ट-अप, इनोवेशन, शिक्षा तकनीक और अनुसंधान से जुड़े लोग
- केंद्रीय विश्वविद्यालयों के छात्र

इसके अलावा, दक्षिण भारत से 100 से अधिक कलाकार भी आएंगे, जो हर शाम नमो घाट पर सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ देंगे। काशी-तमिल संगमम 3, उत्तर और दक्षिण भारत की सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक विरासत को जोड़ने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। यह आयोजन दोनों राज्यों के लोगों को एक-दूसरे की परंपराओं और रीति-रिवाजों को समझने का अवसर प्रदान करेगा, जिससे सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा।