वाराणसी। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में PHD प्रवेश प्रक्रिया में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए हिंदी विभाग की छात्रा अर्चिता सिंह पिछले दो दिनों से सेंट्रल ऑफिस पर धरने पर बैठी हुई हैं। अर्चिता को अब करणी सेना के साथ-साथ NSUI और AAISA जैसे विपक्षी छात्र संगठनों का भी समर्थन मिल गया है।
गुरुवार को धरना स्थल पर पहुंचे कार्यवाहक कुलपति ने खुद छात्रा से बातचीत की और उसके साथ सेंट्रल ऑफिस की सीढ़ियों पर बैठकर समस्या को सुना। इससे पहले करणी सेना के नेताओं के पहुंचने की सूचना पर परिसर में भारी पुलिस बल और पीएसी की तैनाती कर दी गई थी।

करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष ने अर्चिता से विभागाध्यक्ष से बात कर एडमिशन दिलाने का भरोसा भी जताया। वहीं NSUI और AAISA के सदस्यों ने भी छात्रा के समर्थन में आवाज बुलंद की और विश्वविद्यालय प्रशासन पर आरोप लगाए कि छात्रा के साथ अन्याय किया जा रहा है।
छात्रा अर्चिता सिंह का आरोप है कि वह पिछले 15 दिनों से विभाग के चक्कर लगा रही हैं। उनके सभी दस्तावेज समय पर जमा हो चुके हैं, यहां तक कि EWS सर्टिफिकेट के अभाव में विभाग के कहने पर अंडरटेकिंग फॉर्म भी दे दिया गया, फिर भी प्रवेश नहीं मिल रहा। अर्चिता ने बताया कि हिंदी विभाग से ही उन्होंने स्नातक और स्नातकोत्तर की पढ़ाई की है और इस बार PHD सामान्य वर्ग में 15वीं रैंक प्राप्त की है।
अर्चिता ने कहा कि BHU विभाग के कुछ प्रोफेसर अपने चहेते छात्रों को प्रवेश दिलाने के लिए प्रवेश प्रक्रिया में बाधा डाल रहे हैं। पहले उन्हें फीस जमा करने के लिए पेमेंट लिंक भेजने की बात कही गई थी, लेकिन बाद में लिंक रोक दिया गया। इस मुद्दे पर विभाग ने एक आंतरिक समिति बना दी, जिसने मामले को USAB को भेज दिया, जहां से भी समाधान से इनकार कर दिया गया।
छात्रा ने सवाल उठाया कि जब अन्य छात्रों ने अंडरटेकिंग फॉर्म देकर प्रवेश ले लिया, तो उसके मामले में भेदभाव क्यों किया जा रहा है। वहीं BHU विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से छात्रा को नया EWS प्रमाण पत्र लाने का सुझाव दिया गया है।
BHU में धरने पर बढ़ते समर्थन और करणी सेना के हस्तक्षेप से अब यह मामला और तूल पकड़ता नजर आ रहा है। छात्र संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन तेज किया जाएगा।
