Varanasi : श्रावण मास की शुरुआत के साथ ही पूरे उत्तर भारत में श्रद्धालुओं की आस्था का सैलाब उमड़ पड़ता है, जिसमें कांवड़ यात्रा का विशेष महत्व होता है। इसी कड़ी में वाराणसी में इस यात्रा को सुचारु, सुरक्षित और भव्य रूप देने के लिए Commissioner मोहित अग्रवाल ने मंगलवार को कांवड़ मार्गों का गहन निरीक्षण किया और विभिन्न स्थलों पर की जा रही तैयारियों का जायजा लिया।
उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ियों की सुरक्षा, सुविधा और सुगम यातायात सुनिश्चित करने के लिए कोई कोताही न बरती जाए। कांवड़ मार्गों, शिविर स्थलों, मेडिकल कैम्प, बैरिकेटिंग, ट्रैफिक डायवर्जन और सीसीटीवी निगरानी आदि व्यवस्थाओं की विस्तृत समीक्षा की गई।

मुख्य निर्देश और तैयारियां :
24×7 निगरानी और सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम:
- 10 QRT (Quick Response Team) की टीमें हर समय अलर्ट मोड पर रहेंगी।
- 8 ड्रोन और 200 CCTV कैमरे पूरे रूट की निगरानी करेंगे।
- 20 मोटरसाइकिल दस्ते कांवड़ मार्गों पर लगातार भ्रमण करेंगे।
- कुल 1500 पुलिसकर्मी कांवड़ यात्रा की सुरक्षा में तैनात रहेंगे।
- 10 अस्थाई पुलिस चौकियां बनाई जाएंगी।
कांवड़ियों के लिए विशेष लेन और यातायात प्रबंधन:
- प्रयागराज से आने वाली गाड़ियों की एक लेन केवल कांवड़ियों के लिए समर्पित होगी – गुड़िया बॉर्डर से मोहनसराय तक।
- मोहनसराय से शहर में प्रवेश के लिए भी विशेष लेन बनाई जाएगी।
- आम यातायात को डायवर्जन के तहत अन्य मार्गों पर भेजा जाएगा।

कांवड़ शिविर और मेडिकल सुविधाएं:
- शिविर स्थलों पर पेयजल, अल्पाहार, फर्स्ट एड और रात्रि विश्राम की सुविधाएं रहेंगी।
- सभी शिविरों और वॉलंटियर्स का पुलिस सत्यापन अनिवार्य किया गया है।
- मेडिकल कैम्प हेतु चिन्हित स्थानों की पूर्व जांच और बैरिकेटिंग की व्यवस्था।
महिला सुरक्षा और तकनीकी निगरानी
- महिला कांवड़ियों की सुरक्षा हेतु हर रूट पर महिला पुलिसकर्मी की पर्याप्त तैनाती की जाएगी।
- सादे कपड़ों में पुलिसकर्मी भीड़ में मौजूद रहेंगे, ताकि असामाजिक तत्वों की पहचान कर आवश्यक कार्रवाई की जा सके।
- AI तकनीक और सोशल मीडिया निगरानी के जरिए भ्रामक समाचार, अफवाहें या सांप्रदायिक उत्तेजना फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।

प्राकृतिक आपदा और आपातकालीन प्रबंधन:
- मानसून और गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए नदी घाटों पर बैरिकेटिंग की जाएगी।
- डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (DRF) और स्थानीय गोताखोर हर समय तैनात रहेंगे।
- ट्रांसफार्मर, नाले, पेड़, झूलते तार आदि को लेकर संबंधित विभागों को समन्वय स्थापित कर सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश।
अतिरिक्त निर्देश व सामुदायिक समन्वय:
- सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिया गया कि अपने क्षेत्र में ग्राम प्रधानों, संभ्रांत नागरिकों, होटल/ढाबा/डीजे/शिविर संचालकों के साथ गोष्ठी करें।
- सभी कांवड़ रूट पर अतिक्रमण हटाने, ट्रैफिक पिकेट लगाने और रूट पेट्रोलिंग बढ़ाने के निर्देश।
- सीमावर्ती जनपदों से सामंजस्य स्थापित कर संयुक्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
- DJ की ध्वनि सीमा निर्धारित मानक से अधिक न हो, इसके लिए थाना स्तर पर DJ संचालकों को जानकारी दी जाएगी।

निरीक्षण के दौरान अपर पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) शिवहरी मीणा, पुलिस उपायुक्त वरुणा प्रमोद कुमार, पुलिस उपायुक्त गोमती आकाश पटेल समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
