मुंबई। महाराष्ट्र की राजनीति में चाचा-भतीजे के बीच सत्ता की लड़ाई कोई नई बात नहीं है। भारतीय राजनीति में ऐसे कई उदाहरण हैं, जहां रिश्तों के बंधन टूट गए और राजनीति में अलग राहें अपनाई गईं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच एक बार फिर चाचा-भतीजे की सियासी खींचतान चर्चा में है, जिसमें शरद पवार और अजित पवार से लेकर बालासाहेब ठाकरे और राज ठाकरे तक कई प्रमुख नेताओं के नाम शामिल हैं।
छगन भुजबल के भतीजे समीर भुजबल ने भी बगावत कर दी है, जिससे छगन भुजबल ने तंज कसा कि “सभी भतीजों का DNA एक जैसा होता है।” इस कड़ी में बालासाहेब ठाकरे के भतीजे राज ठाकरे ने भी शिवसेना से अलग होकर एमएनएस का गठन कर राजनीति में अलग पहचान बनाई, तो वहीं शरद पवार और अजित पवार के बीच मतभेदों ने भी एनसीपी को दो भागों में बांट दिया।
बारामती विधानसभा सीट पर इस बार अजित पवार के सामने शरद पवार के भतीजे युगेंद्र पवार को उतारा गया है, जबकि एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे की तुलना शिवसेना के आदित्य ठाकरे से हो रही है। 20 नवंबर को होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे, जो इन सियासी दांव-पेंचों का परिणाम तय करेंगे।